बराक ओबामा को आखिरकार दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स होने का गौरव हासिल हो ही गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार जान मैक्केन को हराकर उन्होंने न सिर्फ व्हाइट हाउस पर कब्जा कर लिया बल्कि अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति बन कर समूची दुनिया को मंत्रमुध कर दिया।
दो वर्ष के असाधारण चुनाव प्रचार के बाद इलिनोइस के सीनेटर बराक ओबामा ने निर्वाचक मंडल के कुल 538 वोटों में से 338 पर कब्जा किया। जबकि मैक्केन को निर्वाचक मंडल के महज 155 वोट ही हासिल हुए।
कीनियाई पिता और श्वेत अमेरिकी मां की संतान 47 वर्षीय बराक ओबामा अगले वर्ष 20 जनवरी को अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। इसके साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के मौजूदा राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के आठ वर्ष के शासन का भी अंत हो जाएगा।
अमेरिका में बदलाव का आगाज हो चुका है। भले ही हम आज रात इस बात का जश्न मना रहे हैं, हम जानते हैं कि कल आने वाली चुनौतियां हमारे जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं- दो युध्द और सदी का सबसे बड़ा वित्तीय संकट।
इराक के रेगिस्तानों और अफगानिस्तान के पहाड़ों में बहादुर अमेरिकी जाग रहे हैं, जो हमारे लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसे माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों के सो जाने के बाद यह चिंता करते हुए जाग रहे होंगे कि वे अपने मकान की किस्त कैसे चुकाएंगे, या वे डॉक्टर का बिल कैसे भरेंगे या कॉलेज की पढ़ाई के लिए कैसे बचत करेंगे। नई ऊर्जा का दोहन करना है और नए रोजगारों का सृजन करना है, नए स्कूलों का निर्माण करना है और नई चुनौतियों का सामना करना है। – (चुनाव में जीत के बाद ओबामा के राष्ट्र के नाम संबोधन के अंश)
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हम पंछी इक डाल के हैं
ओबामा के मुताबिक, अमेरिका और भारत के कई साझा लक्ष्य और हित हैं तथा अमेरिका नई दिल्ली का सबसे बड़ा कारोबार और निवेश सहयोगी है।
बढ़ेगी सामरिक दोस्ती
ओबामा भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती रणनीतिक भागीदारी के धुर पक्षधर हैं। उन्होंने ऐतिहासिक द्विपक्षीय परमाणु करार का भी समर्थन किया है। हालांकि शुरू में उन्हें करार को लेकर कुछ आपत्तियां थीं।
दिलो-दिमाग में भी बसा है भारत
ओबामा अपने साथ हनुमान की एक छोटी सी प्रतिमा रखते हैं। उनके सीनेट कार्यालय में महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है।
सूखेगी आउटसोर्सिंग की गंगा
लेकिन अमेरिकी रोजगारों की समुद्रपारीय आउटसोर्सिंग पर उनके कठोर नजरिए ने भारतीय उद्योगपतियों को चिंता में डाल रखा है। उन्होंने कहा था कि जॉन मैकेन से उलट मैं उन कंपनियों को कर में राहत देना बंद कर दूंगा जो रोजगार की आउटसोर्सिंग करती हैं। मैं यह राहत उन कंपनियों को दूंगा, जो अमेरिका में अच्छे रोजगार उत्पन्न करती हैं।
कश्मीर पर लगेगा कांटा?
हाल ही में ओबामा ने कहा था कि अमेरिका को कश्मीर मुद्दे के हल की कोशिश करनी चाहिए ताकि पाकिस्तान पश्चिमोत्तर सीमा पर उग्रवादियों के खिलाफ अभियान पर ध्यान केंद्रित कर सके। इस बयान को भी कुछ पक्ष कश्मीर मुद्दे पर बाहरी हस्तक्षेप के सुझाव के तौर पर देख रहे हैं।