उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जेवर में स्थित आगामी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (एनआईए) ने कर्ज से 3,725 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इसका इस्तेमाल पूंजीगत व्यय सहित अन्य खर्च में होगा। इस परियोजना के पहले चरण की अनुमानित लागत 57.30 अरब रुपये है और इसका वित्तपोषण 65 और 35 के कर्ज इक्विटी अनुपात में होगा।
ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल एजी (जेएआईए) के साथ मिलकर यमुना इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) बिल्ड, ऑपरेट ट्रांसफर के आधार पर नोएडा हवाईअड्डा बनाएगी। कंपनी की वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 26 के दौरान इक्विटी की जरूरत 20.05 अरब रुपये होगी, जिसका पूरा वित्तपोषण जेएआईए को करना होगा। 29 सितंबर, 2021 तक इसमें 2.59 अरब रुपये इक्विटी डाली गई है।
सावधि ऋण के लिए इंडिया रेटिंग्ग ने ए माइनस रेटिंग दी है। परियोजना को जूरिख एयरपोर्ट की ओर से समर्थन मिलने की प्रतिबद्धता के कारण इसे कंफर्ट क्षेत्र में रखा गया है। जेएआईए पहले चरण के वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने की तिथि तक किसी भी लागत बढ़ोतरी की जिम्मेदारी ली है।
कर्ज की सुविधा पर एक साल का मॉरेटोरिटम होगा और पुनर्भुगतान की अवधि 16 साल होगी। कर्ज का ढांचा भी दो तिमाहियों तक ऋण सेवा आरक्षित, ट्रस्ट, और प्रतिधारण समझौता स्थापित वाटरफाल मैकेनिज्म और प्रतिबंधित भुगतान की शर्तों के मुताबिक है।
कर्ज के ढांचे के तहत हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण की ओर से पूंजीगत व्यय को मंजूरी मिलने के बाद वाईआईएपीएल को धीरे धीरे ऋण कम करना होगा। साथ ही प्रायोजक (ज्यूरिख एयरपोर्ट) यह अंडरटेकिंग देगा कि वाईआईएपीएल में डाला गया धन ऋण की अवधि के दौरान असुरक्षित और प्रमुख ऋण के अधीन होगी। कंपनी को 4 चरणों में हवाईअड्डा विकसित करना होगा, जिसकी शुरुआती क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी और चौथे चरण तक इसे बढ़ाकर 7 करोड़ यात्रियों तक करनी होगी। इस परियोजना के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिल गई है। कंपनी को 1 अक्टूबर, 2021 की अप्वाइंटमेंट तिथि मिली है और निर्माण की समय सीमा इस तिथि से 3 साल की होगी।
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) में एनआईए दूसरा हवाईअड्डा होगा और इससे ज्यादातर घरेलू विमान यात्रियों को सेवाएं मिलेंगी। मौजूदा दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा भी अपनी क्षमता 7 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ यात्रियों तक करने के लिए पूंजीगत व्यय कर रहा है।
