भारत की इजरायल के एनएसओ समूह पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है, जिसके पेगासस सॉफ्टवेयर की वजह से पिछले दो साल से निगरानी को लेकर विवाद चल रहा है। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
समाजवादी पार्टी के सांसद विश्वंभर प्रसाद निषाद और सुखराम सिंह यादव ने सरकार से पूछा था कि क्या अमेरिका ने एनएसओ समूह और कैंडिरु पर पेगासस स्पाईवेयर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका गलत तरीके से इस्तेमाल पत्रकारों, दूतावास कर्मियों और एक्टिविस्टों की निगरानी करने के लिए किया गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में एनएसओ ग्रुप पर प्रतिबंध लगा दिया है, चंद्रशेखर ने कहा, जी, नहीं। एनएसओ ग्रुप नाम के किसी ग्रुप को प्रतिबंधित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में भी कोई सूचना नहीं है।
अमेेरिका ने नवंबर में एनएसओ समूह पर पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
इस साल की शुरुआत में फोनों की जांच की गई, जिसमें एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर तकनीक का इस्तेमाल हुा और इसमें मिश्र बेल्जियम, फ्रांस, इराक, लेबनान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, युगांडा, यमन, दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, सहित कई देशों के मौजूदा व पूर्व प्रमुखों की जासूसी की गई थी। भारत में पेगासस स्पाईवेयर सुर्खियों में रहा। विपक्षी दलों दावा किया था कि भारत में इसके जरिए कई पत्रकारों और चर्चित हस्तियों के फोन की जासूसी की गई।
पेगासस को इजरायल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है। विवाद बढऩे के बाद यह मामला उच्चतम न्यायालय में गया और उसने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित की थी। अदालत ने कहा था कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की दुहाई देने मात्र से न्यायालय मूक दर्शक बना नहीं रह सकता।
उसने केंद्र का स्वयं विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ऐसा करना पूर्वाग्रह के खिलाफ स्थापित न्यायिक सिद्धांत का उल्लंघन होगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं और अपराधियों व राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा प्रयोक्ताओं को पहंचाए जाने वाले नुकसान केपरिणामस्वरूप उत्पन्न हए जोखिम और खतरे से भलीभांति परिचित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग की चुनौतियों से निपटने के लिए उचित कदम उठाए हैं।
