प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक राष्ट्र, एक चुनाव (वन नेशन, वन इलेक्शन) की जोरदार वकालत की और इसे केवल विचार-विमर्श का मुद्दा नहीं बल्कि देश की जरूरत बताते हुए कहा कि इस बारे में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए। मोदी गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिन का यह सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ था जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोकसभा, विधानसभा या पंचायत चुनावों के लिए केवल एक मतदाता सूची का उपयोग किए जाने की भी वकालत की। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत नई नीति-नई रीति के साथ इसका मुकाबला कर रहा है और दुश्मन देश को मुंह-तोड़ जवाब दे रहा है।
मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ चर्चा का विषय नहीं है बल्कि ये भारत की जरूरत है। हर कुछ महीने में भारत में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं। इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में वन नेशन, वन इलेक्शन पर गहन मंथन आवश्यक है। इसमें पीठासीन अधिकारी काफी मार्गदर्शन कर सकते हैं और अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।’ प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोकसभा, विधानसभा या पंचायत चुनावों के लिए केवल एक मतदाता सूची का उपयोग किए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए रास्ता बनाना होगा। हम इन सब पर समय और पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं?’
मोदी ने कहा कि भारत 26 नवंबर के मुंबई आतंकवादी हमले के जख्म को कभी नहीं भूल सकता तथा देश एक नई नीति और एक नई प्रक्रिया के साथ आतंकवाद से मुकाबला कर रहा है। मुंबई आतंकवादी हमले की 12 वीं बरसी पर मोदी ने कहा, ‘मैं उन सुरक्षाकर्मियों को नमन करता हूं जिन्होंने उस हमले में अपनी जान गंवा दी। भारत मुंबई आतंकवादी हमले के जख्म को नहीं भूल सकता।’
मोदी ने इस अवसर पर कहा कि सरकारी निर्णयों को मापने का एकमात्र मापदंड राष्ट्रहित होना चाहिए और इसमें जब राजनीति हावी हो जाती है तो इसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है। उन्होंने यहां स्थित सरदार सरोवर बांध से आज देश को मिल रहे लाभों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इसका निर्माण कार्य राजनीति की वजह से बरसों तक अटका रहा जिसका देश को बहुत नुकसान हुआ। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों को कोई पश्चाताप भी नहीं है। पीठासीन अधिकारियों से मुखातिब प्रधानमंत्री ने कहा केवडिय़ा प्रवास के दौरान आप सभी ने सरदार सरोवर बांध की विशालता, भव्यता और उसकी शक्ति देखी होगी लेकिन इसका काम बरसों तक अटका रहा और फंसा रहा। उन्होंने कहा कि आज इस बांध का लाभ गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के लोगों को हो रहा है। इस बांध से गुजरात की 18 लाख हेक्टेयर जमीन को, राजस्थान की 2.5 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने संसद और विधानसभाओं के डिजिटलीकरण पर भी जोर दिया और इस दिशा में कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘डिजिटलीकरण को लेकर संसद में और कुछ विधानसभाओं में कुछ कोशिशें हुई हैं लेकिन अब पूर्ण डिजिटलीकरण का समय आ गया है।’ उन्होंने कहा कि जिस तरह केवाईसी-नो योर कस्टमर डिजिटल सुरक्षा की कुंजी है, उसी तरह केवाईसी-नो योर कांस्टिट्यूशन, संवैधानिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी हो सकता है। मोदी ने कहा, ‘हमारे कानूनों की भाषा बहुत सरल होनी चाहिए ताकि लोग हर कानून को ठीक से समझ सकें। पुराने पड़ चुके कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया भी सरल होनी चाहिए।’
