नैनो या कोई दूसरी परियोजना? अभी तक इस बात पर संशय बरकरार है। सिंगुर में नैनो कार परियोजना का भविष्य अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है। इसी बीच पंतनगर में कयासों का बाजार गर्म है।
लोग इस बात की अटकलें लगा रहे हैं कि टाटा मोटर्स यहां पर 1000 एकड़ क्षेत्र में कार बनाने की कोई परियोजना लाने का इरादा बना रही है। कंपनी की पंतनगर में ट्रकों की विनिर्माण इकाई अभी कार्यरत है। इस तरह का अनुमान राज्य सरकार के उपक्रम सिडकुल के अधिकारियों द्वारा लगाया जा रहा है, जो सिंगुर के घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए हैं।
सिंगुर में दुनिया की सबसे छोटी कार बनाने की परियोजना प्रस्तावित है और विरोधों के कारण अभी इस पर आशंका के बादल घिरे हुए हैं। हालांकि पंतनगर में टाटा के अधिकारी नैनो परियोजना के स्थानांतरण के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। सिडकुल अधिकारी अनुमान लगाते हैं कि टाटा मोटर्स अपनी पंतनगर की वर्तमान निर्माण इकाई में ही कोई दूसरी कार परियोजना शुरू कर सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि टाटा पंतनगर में कार बनाने वाली कोई नई परियोजना के साथ आ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में कुछ भी सटीक कह पाना संभव नही है। लेकिन पंतनगर में किसी प्रकार की नई शुरूआत को लेकर टाटा के अधिकारी किसी प्रकार की टिप्पणी से परहेज कर रहे हैं।
पंतनगर में टाटा मोटर्स की निर्माण इकाई के नजदीक वेंडर्स भी किसी नई योजना को लेकर आश्वस्त नही हैं। टाटा मोटर्स के एक वेंडर डेलफी टीवीएस के एक अधिकारी ने कहा कि इतने बड़े स्तर पर हम यह कहने में सक्षम नही हैं कि यहां क्या होने वाला है? लेकिन यहां की ट्रक निर्माण इकाइयों को मिल रही सुविधाओं पर कोई फर्क नही पड़ेगा, यह निश्चित है।
लेकिन ये वेंडर्स भी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि टाटा मोटर्स पंतनगर के लिए कोई अच्छी खबर लेकर आए। ट्रक निर्माण इकाई के आसपास टाटा मोटर्स की तकरीबन 64 कलपुर्जों की दुकानें हैं। अधिकांश वेंडर इस बात का भरोसा दे रहे हैं कि वे नैनो या दूसरी कार परियोजना के जरूरी उपकरण और कल-पुर्जे टाटा मोटर्स को उपलब्ध करा सकते है।
वैसे टाटा मोटर्स के पास पंतनगर में 300 एकड़ भूखंड उपलब्ध है। उत्तराखंड सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि नैनो के लिए वह 200 से 300 एकड़ भूखंड और उपलब्ध कराएगी।