नाइटफ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में नए आवासों की बिक्री से अप्रैल में सिर्फ 7 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जबकि 93 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन दिसंबर, 2020 और मार्च 2021 के बीच हुए लेन-देन वाले हैं, जिस पर स्टांप शुल्क की कम दरें लागू थीं।
महाराष्ट्र सरकार ने दिसंबर 2020 में मकानों के खरीदारों को 4 महीने का वक्त दिया था कि वे पंजीकरण कार्यालयों में भीड़ को कम करने के लिए स्टांप शुल्क के भुगतान के बाद 4 महीने में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इससे यह सुविधा मिल गई कि मकानों के खरीदार, जिन्होंने 31 मार्च, 2021 के पहले मकान खरीदे हैं और स्टांप शुल्क का भुगतान किया है, उन्हें 31 जुलाई, 2021 तक 4 महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
स्टांप शुल्क में छूट दिए जाने के बाद से मुंबई में सितंबर 2020 और मार्च 2021 के बीच 7 महीनों में संपत्तियों का पंजीकरण खूब बढ़ा। ऐसे में राज्य सरकार ने पहले के स्टांप शुल्क की व्यवस्था को बदल दिया। ऐसे में उम्मीद थी कि 31 मार्च, 2021 के बाद पंजीकरण में सुधार होगा। नाइट फ्रैंक का कहना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण अब पंजीकरण की गति प्रभावित होगी।
