कहीं आंदोलन तो कहीं मौसम की मार। ये दो कारण हैं, जिनसे देश के कम से कम तीन राज्यों का पर्यटन उद्योग तो बुरी तरह से कराहने लगा है।
ये राज्य हैं, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश। तीनों ही राज्यों में इस साल आने वाले सैलानियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले काफी कम हो गई है। दार्जिलिंग में तो बीते एक सप्ताह के दौरान पर्यटकों की संख्या में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
दिल्ली व आसपास के इलाकों में इस साल पिछले दस सालों के दौरान सबसे कम गर्मी के कारण हिमाचल प्रदेश के पर्यटन में 20 फीसदी की कमी आयी तो राजस्थान में चलने वाले गुर्जर आंदोलन के कारण सिर्फ जयपुर में मई महीने के दौरान विदेशी सैलानियों की संख्या में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट का अनुमान है।
दर्द-ए-दार्जिलिंग
राज्य पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक दीपक लोहार ने दार्जिलिंग से बिजनेस स्टैंडर्ड को फोन पर बताया, ‘मौसम बहुत अच्छा था लेकिन कोई भी टूरिस्ट नहीं था। आंदोलन के चलते शहर भी बंद रहा। पिछले दस दिनों के दौरान पर्यटकों की संख्या में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। केवल यहां के लोकल लोग ही नजर आ रहे हैं।’
पर्यटन विभाग के मुताबिक, दो महीने के दौरान दार्जिलिंग के इलाके में 2.5-3 लाख पर्यटक आते हैं। एक अनुमान के मुताबिक दार्जिलिंग में पर्यटन से सालाना 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। दार्जिलिंग में 300 होटल है और लगभग सभी होटल बंद हो चुके हैं। दार्जिलिंग के ‘सेवन सेवनटीन’ होटल की मैनेजर ने फोन पर बताया, ‘उनके होटल में 22 कमरे हैं और एक कमरे का चार्ज 1700 रुपये है।
पिछले पांच दिनों से होटल बंद है और आने वाले समय में कब तक बंद रहेगा कुछ नहीं कहा जा सकता। अब आप खुद ही घाटे का अनुमान लगा सकते हैं।’ दार्जिलिंग पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी इक्का-दुक्का वही होटल ही खुले हैं, जिसके मालिक स्थानीय हैं। वे यह भी कहते हैं कि अगर यह आंदोलन मई महीने में शुरू होता तो इस साल दार्जिलिंग का पूरा कारोबार ही चौपट हो जाता।
गाज़-ए-गुर्जर
राजस्थान के पर्यटन, कला व संस्कृति विभाग के मुताबिक गुर्जर आंदोलन से सबसे अधिक जयपुर शहर का पर्यटन प्रभावित हुआ। वर्ष 2007 के मई महीने में यहां 24530 विदेशी सैलानियों का आगमन हुआ था, जबकि वर्ष 2008 की समान अवधि के दौरान यह संख्या सिमट कर मात्र 12,000 रहने का अनुमान है।
मई महीने के दौरान उदयपुर जाने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी कमी दर्ज की गयी। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गुर्जर आंदोलन से प्रभावित इलाकों में निश्चित रूप से पर्यटकों की संख्या इस साल आधी रह गयी।
मौसम की मार
दिल्ली व आसपास के इलाकों में झुलसाने वाली गर्मी नहीं पड़ने के कारण हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विकास अधिकारी सुरेंद्र जस्टा ने शिमला से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मैदानी इलाकों में मौसम अच्छा रहने के अलावा गुर्जर आंदोलन के कारण मुंबई, गुजरात व राजस्थान से आने वाले पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द करा ली।