कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का कोरोनावायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण सोमवार को निधन हो गया। पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिका निभाने वाले वोरा 93 साल के थे। वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे और कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं। वोरा 1980 के दशक में दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे। केंद्र में पीवी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में उन्होंने स्वास्थ्य और नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में भी सेवा दी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी को वोरा के मार्गदर्शन और नि:स्वार्थ सेवा की कमी हमेशा महसूस होगी। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, ‘वोरा एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी।’ अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर छत्तीसगढ़ में तीन दिनों के लिए राजकीय शोक की घोषणा की गई है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वोरा के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘मोतीलाल वोरा के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दु:ख महसूस हो रहा है। वोरा कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।’
कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी वोरा के निधन पर दुख प्रकट किया। वह अक्टूबर महीने में कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे।
