वैश्विक मंदी की मार अब तक निजी क्षेत्रों की जान हलकान किए थी, लेकिन अब यह सरकार की गले की फांस बनने लगी है।
इसके निशाने पर सबसे पहले आया है उत्तराखंड, जिसने अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर भारी-भरकम वेतन वृद्धि और बकाया रकम (एरियर) के भुगतान की घोषणा तो कर दी, लेकिन अब आर्थिक संकट का रोना रो रही है।
पैसे की किल्लत के चलते राज्य करीब 1.63 लाख सरकारी कर्मचारियों के एरियर और करीब 60,000 पेंशनभागियों को भुगतान नहीं कर पा रहा है। यह समस्या इसलिए हो रही है, क्योंकि इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया था और राज्य सरकार ने आनन-फानन में नए वेतनमान लागू करने की घोषणा कर दी थी।
दरअसल, अब वित्तीय संकट के चलते कर संग्रह में भी गिरावट आ रही है, जिससे सरकार के समक्ष पैसे की किल्लत हो गई है। राज्य के प्रमुख वित्त सचिव आलोक जैन ने नया सर्कु लर जारी करते हुए सभी विभागों से कहा है कि जब तक पूरक बजट मंजूर न हो जाए, तब तक कर्मचारियों के एरियर का भुगतान न करें।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाने की योजना बना रही है, ताकि एरियर भुगातन के लिए पूरक बजट पारित कराया जा सके। जैन ने बताया कि सरकार अगर तत्काल कर्मचारियों के एरियर का भुगतान करती है, तो उसके सामने वेतन भुगतान की समस्या खड़ी हो जाएगी, क्योंकि इसके लिए बजट में अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से छठे वेतनमान लागू करने के बाद पिछले महीने एक समिति का गठन किया था। उसके तहत ही कर्मचारियों के वेतन में 25 फीसदी और पेंशन में 40 फीसदी इजाफा करने की घोषणा की थी। बढ़ी हुई रकम 1 जनवरी, 2006 से लागू होने की बात भी कही गई थी। अब सरकार के समक्ष यही बकाया रकम के भुगतान को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
अनुमान के मुताबिक, सरकार को वेतन बकाया के मद में करीब 1500 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। नए वेतनमान लागू करने से राज्य सरकार पर सालाना करीब 1000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ गया है।
छठे वेतन आयोग की सिफारिश को लागू करते समय सरकार ने कहा था कि कर्मचारियों के एरियर का भुगतान उनके जीपीएफ अकाउंट में कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार को 40 फीसदी एरियर का भुगतान चालू वित्त वर्ष में, जबकि शेष 60 फीसदी अगले वित्त वर्ष में जमा कराना है।
मंदी का असर सरकारी खजाने पर भी, सबसे पहले निशाने पर आया उत्तराखंड
छठे वेतन आयोग के तहत बकाया भुगतान के लिए राज्य सरकार के पास पैसा नहीं
सभी विभागों को एरियर भुगतान रोकने को कहा
भुगतान संकट से बचने के लिए पूरक बजट पारित कराने की योजना