मध्य प्रदेश के रीवा स्थित 750 मेगावॉट क्षमता वाले वृहद सौर ऊर्जा संयंत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा। 1590 एकड़ में विस्तारित एशिया की इस सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना में 250 मेगावॉट उत्पादन क्षमता की तीन यूनिट हैं।
परियोजना से उत्पादित कुल बिजली का 76 फीसदी हिस्सा मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को जबकि शेष 24 फीसदी हिस्सा दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को प्रदान किया जाएगा। यह परियोजना खुली पहुंच के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान को बिजली प्रदान करने वाली पहली परियोजना है।
परियोजना से उत्पादित बिजली की लागत करीब 2.90 रुपये प्रति यूनिट पड़ेगी जो ऐसी अन्य परियोजनाओं से काफी कम है। यह देश का सबसे बड़ा सिंगल साइट सौर ऊर्जा संयंत्र भी है।
रीवा सौर बिजली परियोजना के लिए मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम और भारतीय सौर ऊर्जा निगम ने मिलकर रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड नामक संयुक्त उपक्रम कंपनी का गठन किया है। विश्व बैंक से बिना राज्य शासन की गारंटी का सस्ता ऋण तथा क्लीन टेक्नोलॉजी फंड से धनरािश प्राप्त करने वाली यह देश की पहली परियोजना है।
यह परियोजना प्रति वर्ष 15.7 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन रोकने में मददगार है। करीब 800 लोगों को रोजगार प्रदान करने वाली यह योजना प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित होगी।
