देश में जल्द ही पहला सामुद्रिक विश्वविद्यालय खोला जाएगा। स्विटजरलैंड के विश्व सामुद्रिक विश्वविद्यालय (डब्लूएमयू) की तर्ज पर भारत में भी चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और विशाखापत्तनम में सामुद्रिक विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।
बुधवार को चेन्नई के निकट देश के पहले सामुद्रिक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई। करीब 300 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस विश्वविद्यालय के परिसर में सामुद्रिक कॉम्प्लेक्स भी तैयार किया जाएगा, जिस पर करीब 2,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इस विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर और प्रबंधन पाठयक्रमों के लिए देश-विदेश में विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों से गठजोड़ किया गया है। संस्थान ने सामुद्रिक प्रबंधन में एक वर्ष के एमबीए डिग्री के लिए आईआईएम अहमदाबाद से गठजोड़ किया है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय परिवहन और लॉजिस्टिक में दो वर्षीय प्रबंधन डिग्री के लिए एंटवर्प और बंदरगाह और जहाज प्रबंधन में डिग्री के लिए चीन की डालियान विश्वविद्यालय के साथ गठजोड़ किया गया है।
इस विश्वविद्यालय के जरिए पहली बार छात्रों को सामुद्रिक पाठयक्रमों में बीएल और एमएल की डिग्री मिलेगी। इसके लिए सामुद्रिक विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय सामुद्रिक कानून संस्थान और माल्टा विश्वविद्यालय के साथ गठजोड़ किया है। संस्थान बीएससी नौटिकल साइंसेज, बीएससी मैरिटाइम स्टडीज में स्नातक पाठयक्रम भी उपलब्ध कराएगा।
साथ ही संस्थान ने ड्रेजिंग में बीएससी की डिग्री उपलब्ध कराने के लिए नीदरलैंड के ड्वेल्फ विश्वविद्यालय के साथ करार किया है। फिलहाल देश में सात सामुद्रिक प्रशिक्षण और शोध संस्थान हैं, जिन्हें आईएमयू में शामिल कर लिया जाएगा।
भारतीय सामुद्रिक उद्योग से लोगों को अवगत कराने के लिए केंद्र सरकार चेन्नई में एक राष्ट्रीय सामुद्रिक कॉम्प्लेक्स का गठन भी करेगी। इस कॉम्प्लेक्स के लिए देश के 13 प्रमुख बंदरगाह 50-50 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
इस कॉम्प्लेक्स में सामुद्रिक संग्रहालय, आर्ट गैलरी, फूड कोर्ट, कैटरिंग कॉलेज, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, पांच सितारा होटल और एशिया का सबसे बड़ा सम्मेलन कक्ष होगा जिसमें एक साथ 15,000 लोग बैठ सकते हैं।