सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक और जोखिमपूर्ण सामान की ढुलाई करने वाले वाहनों के ठिकाने का पता लगाने के लिये ट्रैकिंग मशीन लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह नियम एक सितंबर या उसके बाद विनिर्मित माल ढुलाई वाहनों पर लागू होगा।
मंत्रालय के अनुसार यह बात संज्ञान में लायी गयी है कि जो वाहन राष्ट्रीय परमिट के दायरे में नहीं हैं, वे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन जैसी गैस और जोखिमपूर्ण प्रकृति के समान की ढुलाई कर रहे हैं तथा उनमें वाहनों की स्थिति का पता लगाने वाले उपकरण नहीं लगे हैं।
इसमें कहा गया है कि इसको देखते हुए मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि एन2 और एन3 श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक वाहन जो खतरनाक और जोखिपूर्ण सामान ले जाते हैं, उनमें वाहन उद्योग मानक (एआईएस)140 के अनुसार ट्रैकिंग मशीन लगाया जाएगा। इनमें वे वाहन आएंगे जो नये मॉडल के मामले में एक सितंबर, 2022 को और उसके बाद विनिर्मित हुए हैं और मौजूदा मॉडलों के मामले में जनवरी, 2023 के पहले दिन विनिर्मित हुए हों।
श्रेणी एन2 के अंतर्गत आने वाले वाहन वे हैं जिनका उपयोग माल ढुलाई के लिये किया जाता है और जिनका सकल वाहन वजन 3.5 टन से अधिक लेकिन 12 टन से ज्यादा नहीं हो। वहीं श्रेणी एन3 के अंतर्गत वे वाहन आते हैं जिनका उपयोग माल ढुलाई के लिये किया जाता है और जिनका सकल वाहन वजन भार 12 टन से अधिक है।
