संसद की एक समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह सभी पक्षों के साथ पर्याप्त रूप से परामर्श कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से संरक्षित रखते हुए डिजिटल मीडिया पर निगरानी के लिए सशक्त प्रणाली तैयार करे। समिति ने यह भी कहा कि वह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भारत में प्रेस के मानक को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) द्वारा सेंसर किए गए मामलों पर कार्रवाई करने के मकसद से ब्यूरो ऑफ आउटरीच ऐंड कम्युनिकेशन (बीओसी) के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करने का आह्वान करती है।
लोकसभा में पेश कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की ‘मीडिया कवरेज में नैतिक मानक’ विषय पर रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है। समिति ने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि मीडया जो कभी लोकतंत्र में नागरिकों के हाथों में सबसे भरोसेमंद हथियार था और जनता के न्यासी के रूप में कार्य करता है, वह धीरे-धीरे अपनी विश्वसनीयता और सत्यनिष्ठा खो रहा है, जहां मूल्यों और नैतिकता को अपने अनुकूल बनाया जा रहा है।’
