लॉकडाउन के दौरान करीब 71 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों की मासिक आय में पहले के मुकाबले गिरावट आई और करीब 35 प्रतिशत परिवारों को कई दफा या कभी-कभार पूरे-पूरे दिन भोजन के बिना रहना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद इनका एक बड़ा हिस्सा मोदी सरकार द्वारा कोविड-19 के संकट से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से संतुष्ट है।
लोकनीति-सीएसडीएस के साथ मीडिया प्लेटफॉर्म गांव कनेक्शन द्वारा किए गए ग्रामीण भारत के देशव्यापी सर्वेक्षण में पता चला है कि 74 प्रतिशत ग्रामीण भारतीय इस विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से लडऩे के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं और लगभग 78 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा है कि उन्हें अपनी राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से भी संतोष है। गांव कनेक्शन ने सोमवार को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की और बताया कि 30 मई से 16 जुलाई, 2020 के बीच हुए इस सर्वेक्षण में कुल 25,371 प्रतिभागियों का साक्षात्कार किया गया। उसके अनुसार सभी प्रतिभागी अपने-अपने घरों के प्रमुख कमाने वाले व्यक्ति थे, इस तरह यह सर्वेक्षण पुरुष प्रधान रहा तथा लगभग 80 प्रतिशत उत्तरदाता पुरूष ही रहे। हालांकि इसमें 20 फीसदी महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। इस सर्वेक्षण की रूपरेखा तैयार करने का काम और आंकड़ों का विश्लेषण नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) की लोकनीति-सीएसडीएस टीम द्वारा किया गया। सर्वेक्षण के अनुसार लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों का समर्थन करने वालों में से 37 प्रतिशत ने कहा कि वे सरकार के काम से ‘बहुत संतुष्ट’ हैं, जबकि 37 प्रतिशत लोगों ने ही कहा कि वे केंद्र सरकार के कामकाज से ‘कुछ हद तक संतुष्ट’ हैं। कुल मिलाकर 74 प्रतिशत लोगों ने केंद्र सरकार के कामकाज से संतोष जताया है।
