प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। आज शाम 6.30 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में महाकाल लोक का लोकार्पण किया जाएगा। 946 मीटर लंबे इस कॉरिडोर के निर्माण में लगभग 856 करोड़ का खर्च आया है। इसे दो फेज में पूरा किया जाएगा। इसी कॉरिडोर पर चलकर भक्त गर्भगृह तक जाऐंगे।
12 ज्योतिर्लिंग में से एक
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है जिसके दर्शन के लिए प्रत्येक साल लाखों लोग आते हैं। इस परियोजना के तहत महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित रुद्रसागर झील को दोबारा पुनर्जीवित किया गया है। इसके पुनर्विकास से उज्जैन के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि उज्जैन में महाकालेश्वर के दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी बड़ा
इस परियोजना से पहले महाकालेश्वर मंदिर 2.82 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला था जो अब बढ़कर 20.23 हेक्टेयर में फैल गया। 900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवारों पर शिव महापुराण से जुड़े हुए चित्रों का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही शिव के विभिन्न रूपों की प्रतिमा भी स्थापित की गई है।
भविष्य को देखते हुए प्लानिंग
महाकाल मंदिर को आगे के 50 साल को देखते हुए बनाया गया है। भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के कारण भीड़ न हो और कम समय में लोगों को दर्शन की सुविधा मिले, इसका ध्यान रखा गया है। किसी त्योहार में लोगों के वाहनों को शहर से बाहर नहीं रोका जाएगा। श्रद्धालु मंदिर के पार्किंग तक अपनी गाड़ी से जाएंगे जहां से उन्हें मंदिर पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट का समय लगेगा। एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे।