कांग्रेस की युवा ब्रिगेड के मुखिया राहुल गांधी को खुश करने की कवायद कहिए या फिर किसानों पर सरकार की नवाजिश का एक और नमूना।
सरकार ने शुक्रवार को आखिरकार ऐतिहासिक कृषि लोन पैकेज का दायरा बढ़ा ही दिया। इसके तहत, सरकार ने कृषि ऋण छूट स्कीम के तहत बड़े किसानों को भी शामिल कर लिया और कर्ज माफी पैकेज की रकम 20 प्रतिशत बढ़ाकर 71,600 करोड़ रुपए कर दी।
संशोधित स्कीम के तहत देश के 237 चिह्नित जिलों के बड़े किसानों सहित सभी किसान शामिल होंगे और उन्हें 20 हजार रुपए तक के बकाया पर 25 प्रतिशत की एकबारगी निपटान छूट मिलेगी बशर्ते वह ऋण की शेष किस्तें 30 जून 2009 तक दे दे। बकाया राशि पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने औपचारिक तौर पर ऋण माफी और रियायत स्कीम के दिशानिर्देशों को मंजूरी दी।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि स्कीम के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों को पूर्ण कर्ज माफी मिलेगी जबकि 60 से 65 प्रतिशत बड़े किसानों को भी पूर्ण कर्ज माफी की सुविधा हासिल होगी। स्कीम को अगले महीने के अंत तक लागू किया जाएगा।
सभी बैंकों को निर्देश दिया जाएगा कि वे लाभार्थी किसानों की सूची तैयार कर अपने परिसरों में लगाएं। किसानों को ऋण माफी या राहत के लिए कोई आवेदन नहीं करना होगा। यह राहत उनके पास उपलब्ध कुल उस भूमि पर आधारित होगी, जिसका रिकॉर्ड ऋणदाता बैंक के पास होगा।
चुनावी मौसम, कर्ज की फसल
कितनी थी लोन माफी
इस बार के बजट में चिदंबरम ने किसानों की कर्ज माफी और रियायत के लिए 60,000 करोड़ रुपये का पैकेज देने की घोषणा की थी।
किसके लिए था यह लॉलीपॉप
इसके तहत कहा गया था कि छोटे एवं सीमांत किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ होगा, चाहे वे चिह्नित जिलों के हों या किसी अन्य क्षेत्र के।
क्यों बढा इसका दायरा
बजट पर संसद में चर्चा के दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सरकार से आग्रह किया था कि वह असिंचित इलाकों के किसानों को कवर करने के लिए ऋण छूट का दायरा बढ़ाए।
अब कितनों को फायदा
संशोधित स्कीम से चार करोड़ से अधिक छोटे, बड़े और सीमांत किसानों को फायदा होगा।
कितना पड़ेगा खजाने पर बोझ
सरकार की इस ऐतिहासिक दरियादिली से राजकोष पर 71,680 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
क्या है छोटे-बड़े की परिभाषा
छोटे किसानों में वे किसान आएंगे, जिनके पास एक हेक्टेअर तक भूमि है।
सीमांत किसान वे होंगे, जिनके पास एक से दो हेक्टेअर भूमि है।
बड़े किसान यानी दो हेक्टेअर से अधिक भूमि वाले किसानों को 25 प्रतिशत की एकबारगी निपटान छूट मिलेगी बशर्ते वह ऋण की शेष किस्तें 30 जून 2009 तक दे दे। बकाया राशि पर कोई ब्याज नहीं होगा।