कोविड वैश्विक महामारी के कारण लोगों के घर पर रहने से रसोई में भी व्यस्तता बढ़ गई है। इसलिए महिलाएं अब रसोई घर में कहीं अधिक समय गुजार रही हैं। इससे किचेन अप्लायंसेज की मांग को रफ्तार मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि मात्रात्मक बिक्री के लिहाज से छोटे अप्लायंसेज कारोबारी पिछले साल के स्तर तक पहुंच चुकी हैं।
बजाज इलेक्ट्रिकल्स के कार्यकारी निदेशक अनुज पोद्दार ने कहा, ‘मांग कोई समस्या नहीं है। चुनौती यह है कि आप उसे पूरा कैसे करते हैं क्योंकि देश में अब भी स्थानीय लॉकडाउन जारी है। उद्योग जून से पिछले साल के आंकड़ों तक पहुंच चुका है। जुलाई में स्थानीय लॉकडाउन के कारण थोड़ी नरमी दिखी लेकिन अगस्त में अच्छी वृद्धि दिखनी चाहिए।’
टीटीके प्रेस्टिज के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन ने कहा कि घरेलू सहायक पर निर्भरता कम होने के साथ ही लोग कहीं अधिक खाना पकाने लगे हैं जिससे किचेन अप्लायंसेज की वृद्धि को रफ्तार मिली है। टीटीके की दैनिक बिक्री लॉकडाउन से पहले के स्तर तक पहुंच चुकी है और ई-कॉमर्स से प्राप्त राजस्व की हिससेदारी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा, ‘मध्यावधि से लेकर दीर्घावधि तक हम राजस्व में दो अंकों में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद करते हैं जबकि पोर्टफोलियो में सबसे अधिक वृद्धि किचेन अप्लायंसेज श्रेणी में दिखने के आसार हैं।’
आईसीआईसीआई डायरेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून में कंपनी के एक्सक्लूसिव आउटलेट प्रेस्टिज स्मार्ट किचेन स्टोर्स की बिक्री में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि जुलाई और अगस्त में भी यही प्रवृत्ति बरकरार रही। विश्लेषकों ने कहा कि अधिकतर कंपनियां पूरी क्षमता से परिचालन कर रही थीं जबकि कुछ कंपनियां मांग के लिए संघर्ष कर रही थीं। पिछले दिनों गणेश चतुर्थी के साथ ही तीन महीने के त्योहारी सीजन की शुरुआत हो गई है जो नवंबर में दीवाली तक चलेगा। आमतौर पर त्योहारी सीजन के दौरान छोटे अप्लायंसेज की खूब बिक्री होती है।
प्रीति किचेन अप्लायंसेज के एमडी एस सुब्रमण्यन ने कहा कि मांग में तेजी के कारण कंपनियां बेहतर सर्विस और गुणवत्ता मानकों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित हुई हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और ईंधन दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने गुणवत्ता मानकों में काफी वृद्धि की है। ऐसे में कंपनियां अपने उत्पादों को बाजार में भेजने से पहले उनका नए सिरे से आकलने के लिए मजबूर हुई हैं।
