आर्थिक सुस्ती के चलते देश के आठ प्रमुख शहरों में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान माल गोदामों की मांग 11 प्रतिशत गिरकर 413 लाख वर्ग फुट रह गई। हालांकि पिछले तीन वर्षों में माल गोदाम (वेयरहाउस) के बाजार में सालाना 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। कोविड-19 महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान मांग में कमी आने का अनुमान है। कर में छूट मिलने के कारण आने वाले समय में इस क्षेत्र में निवेश और अगले कुछ सालों में मांग में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है।
संपत्ति संबंधी परामर्श देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक द्वारा जारी रिपोर्ट इंडिया वेयरहाउसिंग मार्केट रिपोर्ट- 2020 में कहा कि देश के आठ प्रमुख शहरों – राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, बेंगलूरु, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद में वर्ष 2018-19 के दौरान माल गोदामों की मांग 464 लाख वर्गफुट थी। हालांकि उसने कहा कि मांग में गिरावट के बाद भी ए-ग्रेड की भंडारगृह परियोजनाओं के किराए में चार से सात फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद माल गोदाम क्षेत्र के लिये संस्थागत निवेशकों ने 6.5 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
नाइट फ्रैंक इंडिया ने अनुमान लगाया कि देश के इन आठ प्रमुख शहरों में अभी 30.7 करोड़ वर्गफुट की भंडारण व्यवस्था है। उसने कहा कि इन शहरों में वेयरहाउस बनाने के लिये अब तक रखे गए भूखंडों पर 19.3 करोड़ वर्ग फुट के नए गोदाम बनाने लायक जगह है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान माल गोदामों की मांग एनसीआर में 32 फीसदी कम होकर 86 लाख वर्ग फुट पर आ गई। इसी तरह यह मांग बेंगलुरू में 23 फीसदी गिरकर 43 लाख वर्ग फुट, कोलकाता में 14 फीसदी गिरकर 39 लाख वर्ग फुट, चेन्नई में 19 फीसदी गिरकर 34 लाख वर्ग फुट और हैदराबाद में 14 फीसदी गिरकर 34 लाख वर्ग फुट रही। हालांकि इस दौरान मुंबई में भंडारगृह की मांग आठ फीसदी बढ़कर 75 लाख वर्ग फुट, अहमदाबाद में पांच फीसदी बढ़कर 51 लाख वर्ग फुट और पुणे में 42 फीसदी बढ़कर 49 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई।
वेयरहाउसिंग की मांग में पिछले कुछ वर्षों में मजबूत बढ़ोतरी देखी गई है। वर्ष 2017 के बाद खासकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद से इसने 44 फीसदी सालाना की दर से महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। आर्थिक मंदी के बावजूद वित्त वर्ष 2020 में वेयरहाउस को लीज़ पर लेने संबधी गतिविधियों में पिछले वर्ष की तुलना में मुंबई (आठ फीसदी), पुणे (42 फीसदी) और अहमदाबाद (पांच फीसदी) बढोतरी देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2020 के लिए ग्रेड ‘ए’ की प्रॉपर्टीज के किराए की दर प्रति माह 1,320 रुपये प्रति वर्ग फुट के साथ स्थिर रही।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि आर्थिक सुस्ती के कारण भंडारण की मांग पिछले वित्त वर्ष में कम हुई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान मांग में और कमी आने का अनुमान है। हालांकि बैजल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में माल गोदामों के बाजार में सालाना 44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। ई-कॉमर्स, एफएमसीजी और फार्मास्युटिकल जैसे उद्योगों से आने वाली मांग सशक्त बनी हुई है। वित्त वर्ष 2021 में भी इस मांग के जारी रहने की उम्मीद है। भारत के घरेलू उपभोग की क्षमता और समग्र जीडीपी की वृद्धि के चलते वेयरहाउसिंग क्षेत्र को लेकर पिछले कुछ वर्षों से निवेशकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है।
