मुंबई में कोविड-19 की जांच ने शीर्ष स्तर को छू लिया और दिल्ली भी जांच के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के करीब है। जांच प्रयोगशालाओं का कहना है कि अब इसमें वृद्धि की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि वे फिलहाल अपनी क्षमता के 40-50 फीसदी का उपयोग कर रहे हैं। गुरुवार को मुंबई में 67,487 नमूनों की जांच की गई और यह अब तक का उच्चतम स्तर है। इससे पहले पिछले साल 14 अप्रैल को 56,226 जांच कराई गई थी। दिल्ली में 6 जनवरी को 98,434 नमूनों की जांच की गई जो 11 अप्रैल, 2021 के 114,288 उच्चतम जांच स्तर के करीब है।
भारत में पिछले सात दिनों में जांच में 57 फीसदी तक की तेजी आई और क्रिसमस के दिन के 945,455 से बढ़कर जांच की तादाद बुधवार को 14.8 लाख हो गई। हालांकि यह 4 जून को 37.4 लाख जांच के शीर्ष स्तर से काफी कम है। जांच किट निर्माता भी कुल उत्पादन क्षमता के स्तर को जल्द ही छूने वाले हैं। डॉ लाल पैथलैब के प्रबंध निदेशक ओम मनचंदा ने कहा कि कंपनी आरटी-पीसीआर जांच के लिए अपनी अखिल भारतीय जांच क्षमता का 40 फीसदी इस्तेमाल कर रही है। मनचंदा ने कहा, ‘हमने 20 स्थानों पर 2020 में अपनी रोजाना की 4,000 जांच क्षमता बढ़ाकर 2021 में रोजाना 50,000 जांच कर दी है। हमारी जांच क्षमता उपयोगिता कभी भी 60 फीसदी से अधिक नहीं गई है।’
मुंबई में मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर का कहना है कि बड़ी तादाद में जांच की जा रही है और यह पिछले साल दूसरी लहर के शीर्ष स्तर के बराबर है। मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक अमीरा शाह कहती हैं, ‘पिछले हफ्ते जांच तीन गुना बढ़ गई है। संक्रमण की तादाद में भी काफी तेजी देखी जा रही है खासतौर पर मेट्रो शहरों में। संक्रमण दर ने भी 34 प्रतिशत के स्तर को छू लिया है जो पहले करीब 2 फीसदी के स्तर पर था। लहर के दौरान व्यापक स्तर पर जांच का प्रबंधन करने के लिए लोगों, उपकरण और टूलकिट का इंतजाम करना जरूरी है।’ उनका कहना है कि मेट्रोपॉलिस अब अपनी जांच क्षमता का 50 फीसदी इस्तेमाल कर रही हैं। अब तक किट उपलब्धता को लेकर कोई दिक्कत नहीं हुआ है क्योंकि ज्यादातर किट निर्माताओं ने अपने पास पड़े स्टॉक को हाल में खत्म किया है।
उदाहरण के तौर पर माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस दिसंबर के पहले हफ्ते में अपनी लगाई गई क्षमता का महज 5 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर ही थी। माईलैब के प्रबंध निदेशक हंसमुख रावल कहते हैं, ‘हमारे पास तैयार किट की पर्याप्त इन्वेंट्री है। हम अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा रहे हैं। अब तक कच्चे माल की आपूर्ति ठीक है।’ पुणे की इस कंपनी के पास रोजाना 15 लाख रैपिड ऐंटीजन टेस्ट और एक दिन में 800,000 आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता है। रावल ने कहा कि माईलैब रोजाना 10 लाख आरएटी और रोजाना 800,000 आरटी-पीसीआर किट तैयार करेगी। मेट्रोपॉलिस की शाह कहती हैं कि अब तक खरीद किट आसानी से उपलब्ध है। वह कहती हैं, ‘हालांकि कुछ ही किट हैं जो एस-जीन की पहचान कर लेते हैं जिससे हमें कोरोनावायरस के विभिन्न स्वरूपों के बीच अंतर पता चलता है। इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती लोगों की है क्योंकि स्वास्थ्य सेवा कामगार भी बीमार पड़ रहे हैं। अब हम सभी को लोगों के स्वास्थ्य सेवा के लिए अतिरिक्त समय तक काम करना पड़ रहा है।’
