सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने अगरबत्ती उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के रोजगार सृजन कार्यक्रम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एमएसएमई मंत्रालय ने कहा कि कार्यक्रम का नाम खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन है।
इसका मकसद देश के विभिन्न भागों में बेरोजगार और प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार सृजित करने के साथ घरेलू स्तर पर अगरबत्ती उत्पादन को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना है।
मंत्रालय के अनुसार, ‘प्रस्ताव पिछले महीने मंजूरी के लिये एमएसएमई मंत्रालय को दिया गया। जल्दी ही पायलट परियोजना शुरू होगी। परियोजना के पूर्ण रूप से क्रियान्वयन से हजारों की संख्या में रोजगार सृजित होंगे।’
देश में फिलहाल अगरबत्ती की खपत करीब 1,490 टन की है, जबकि स्थानीय उत्पादन केवल 760 टन है। मंत्रालय ने कहा कि मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर है, इसीलिए रोजगार सृजन के लिये इस क्षेत्र में काफी गुंजाइश है। योजना के तहत केवीआईसी अगरबत्ती बनने के लिये कारीगरों को स्वचालित मशीनें और पाउडर मिलाने वाली मशीनें उपलब्ध कराएगा। यह सब निजी अगरबत्ती विनिर्माताओं के जरिये किया जाएगा, जो व्यापार भागीदार के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
इससे पहले, केंद्र ने घरेलू उद्योग की मदद के लिये अगरबत्ती क्षेत्र के लिए दो बड़े निर्णय किए। एक तरफ जहां इसे मुक्त व्यापार से प्रतिबंधित व्यापार की श्रेणी में लाया गया, वहीं अगरबत्ती बनाने में काम आने वाले बांस से बनी गोल पतली लकड़ी पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया।
