केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को देश की पहली राष्ट्रीय हवाई खेल नीति (एनएएसपी 2022) की घोषणा कर दी। इसके साथ ही देश में हवाई खेलों के एक नये युग का सूत्रपात हुआ। यह नीति एयरोबैटिक्स, एयरोमॉडलिंग, मॉडल रॉकेट्री, अमेच्यर बिल्ट ऐंड एक्सपेरिमेंटल एयरक्राफ्ट, बलूनिंग, ड्रोंस, ग्लाइडिंग ऐंड पॉवर ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग ऐंड पॉवर्ड हैंग ग्लाइडिंग, पैराशूटिंग (स्काय डाइविंग, बेस जंपिंग और विंगसूट फ्लाइंग), पैरा ग्लाइडिंग और पैरामोटरिंग (पॉवर्ड पैराशूट ट्राइक), पॉवर्ड एयरक्राफ्ट और रोटरक्राफ्ट शामिल हैं।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘देश का युवा हवाई खेलों के भविष्य का प्रतिनिधित्व करता है। इन कार्यक्रमों का लक्ष्य हवाई खेलों में बढ़ती अभिरुचि को बढ़ावा देना है। स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने पाठ्यक्रमों में हवाई खेलों को स्थान दें।’ उन्होंने कहा कि फिलहाल हवाई खेलों से सालाना 80 से 100 करोड़ रुपये की राशि राजस्व के रूप में जुटाई जा रही है और यह आंकड़ा 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
नयी नीति के तहत देश में हवाई खेलों को लेकर दो स्तरीय संचालन ढांचे का प्रस्ताव रखा गया है जिसमें एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएसएफआई) नामक सर्वोच्च संचालन संस्था तथा हर हवाई खेल के लिए एक महासंघ होगा।
एएसएफआई नागर विमानन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था होगा और वह स्विटजरलैंड स्थित फेडरेशन एयरोनॉटिक्स इंटरनैशनल समेत हवाई खेलों से संबद्ध तमाम वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
फेडरेशन हवाई खेलों से जुड़े विभिन्न पहलुओं मसलन इनके नियमन, प्रमाणन, प्रतियोगिताओं, पुरस्कारों और जुर्मानों आदि से जुड़े मामले देखेगा। सिंधिया ने कहा कि देश के सशस्त्र बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) तथा विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के पास हवाई खेलों के लिए बेहतरीन प्रशिक्षण सुविधाएं हैं। नीति कहती है, ‘एएसएफआई रक्षा एवं गृह मंत्रालय तथा राज्य पुलिस के साथ मिलकर काम करेगा और उनकी सुविधाओं को उपयुक्त शुल्क के साथ आम जनता के लिए उपलब्ध कराने के अवसर तलाशेगा।’ हवाई खेलों से सीधा राजस्व तो हासिल होगा ही इसके अलावा इससे यात्रा, पर्यटन, अधोसंरचना एवं स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। पहाड़ी इलाकों को इससे खास फायदा पहुंचेगा। देश के विभिन्न इलाकों में हवाई खेल शुरू करने से दुनिया भर के हवाई खेल पेशेवर तथा पर्यटक भी भारत आएंगे।
