बस एक दिन और, फिर आपको दु्निया के किसी भी कोने में उड़न खटोले यानी हवाई जहाज के जरिये जाने के लिए पेपर टिकट नहीं बल्कि ई-टिकटों की जरूरत पड़ेगी।
दरअसल, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइटा) के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, 1 जून यानी रविवार से पेपर टिकटों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
फायदे का सौदा
उद्योग विश्लेषकों की मानें तो ई-टिकटिंग के फायदे काफी हैं। एमेडस इंडिया के मैनेजिंग डाइरेक्टर अंकुर भाटिया का कहना है कि, ‘देखिए, इस वक्त हमारा मुल्क 95 फीसदी ई-टिकटिंग इनेबल्ड है। रविवार तक तो हम पूरी तरीके से ई-टिकट इनेबल्ड हो ही जाएंगे।
इससे एयरलाइनों के साथ-साथ आम लोगों को भी काफी फायदा होगा। एयरलाइंस के लिए तो सबसे बड़ी बात तो यह कि इसके जरिये वे अपनी लागत में कमी ला सकेंगी। ई-टिकटिंग लागू हो जाने के बाद हर टिकट पर एयरलाइंस 5 से 9 डॉलर (200 से 350 रुपये) तक बचा पाएंगी।
मतलब साल भर में एयरलाइंस उद्योग करीब 3 अरब डॉलर तक की मोटी ताजी रकम बचा पाएगा। साथ ही, इसकी नकल करना भी काफी मुश्किल हो जाएगा। फिर इसकी वजह से कर्मचारियों को काफी कम कागजी काम करने पड़ेंगे।’
जहां तक आम लोगों के फायदे की बात है तो विश्लेषकों के मुताबिक इसके आ जाने से लोगों के लिए अपनी टिकट को तिजोरियों या सुरक्षित स्थान पर रखने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
बस उन्हें अपना पीएनआर नंबर याद रखने की जरूरत है। फिर एयरलांइस द्वारा जारी किए गए टिकट के खो जाने के बाद भी वे उस पीएनआर नंबर को बताकर हवाई जहाज पर चढ़ सकते हैं। साथ ही, इसके लिए उन्हें लंबे समय तक इंतजार भी नहीं करना पड़ता। वे अपने टिकट के प्रिंट आउट को ई-मेल या इंटरनेट के जरिये भी हासिल कर सकते हैं।
फिर वे इसके जरिये इंटरनेट पर ही अपनी सीट चुन सकते हैं। इसके अलावा, ई-टिकट के जरिये लोगों के लिए रिफंड हासिल करना भी काफी आसान हो जाता है। भाटिया के मुताबिक इसका सबसे फायदा पर्यावरण को होगा। दरअसल, इसकी वजह से हर साल 5 अरब ए-4 साइज के पेपर की बचत होगी। इसकी वजह से हर साल लाखों पेड़ कटने से बच जाएंगे।
जबरदस्त विरोध
ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टाई) के अध्यक्ष सीवी प्रसाद का कहना है कि,’यह आइटा का एकतरफा फैसला है।’ टाई के सदस्यों का कहना है कि आइटा में सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया की बात को बड़ी विदेशी एयरलाइनों की बात के बराबर तवज्जो नहीं दी जाती।
उनके मुताबिक यह उन एयरलाइनों की साजिश है, ताकि वे मुल्क से अपना कारोबार शुरू कर सकें। साथ ही, उनके मुताबिक इससे इंटरलाइन यात्रा 20 से 50 फीसदी से खर्चीली हो जाएगी। इंटरलाइन यात्रा में आप एक स्थान तक पहुंचने के लिए दो एयरलाइंस की सेवाएं लेते हैं। ई-टिकट के आ जाने से अब अलग-अलग टिकट कटवाने पड़ेंगे, जिससे उनकी कीमत बढ़ जाएगी।
वैसे, आइटा ने इन मुद्दों को बेकार की चिंताएं कहकर खारिज कर दिया है। उसकी प्रवक्ता का कहना है कि, ‘इंटरलाइन यात्राएं कुल एयर टै्रवल का केवल 10 फीसदी हिस्सा ही हैं।’ वैसे, प्रसाद ने इस मामले में सरकारी हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। लेकिन सरकार ने इस मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है। नागरिक उड्ड़यन निदेशक मौसमी चक्रबर्ती का कहना है कि, ‘इस मामले की हमें कोई खबर नहीं है। हमारे पास उनकी तरफ से कोई लिखित अनुरोध नहीं आया है।’
1 जून यानी रविवार से पेपर टिकटों पर लग जाएगा प्रतिबंध
हवाई जहाज उड़ान में चलेंगे केवल ई-टिकट
हर टिकट पर एयरलाइंस को बचेंगे 5 से 9 डॉलर (200 से 350 रुपये), सालभर में होगी 3 अरब डॉलर की बचत
टिकट खो जाने पर भी पीएनआर नंबर बताकर हवाई जहाज पर चढ़ सकेंगे लोग
हर साल 5 अरब ए-4 साइज के पेपर की बचत