भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को साल 2021 की अपनी पहली उड़ान के साथ एक बेहतरीन शुरुआत की। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 19 पेलोड को सफलतापूर्वक ले जाने के लिए पीएसएलवी-सी 51 ने सफल उड़ान भरी। इन पेलोड में जिसमें ब्राजील का 637 किलो के अमेजोनिया -1 के साथ ही 18 अन्य उपग्रह शामिल थे।
इन उपग्रहों में से एक में भगवत गीता की ई-कॉपी ले जाई गई जिसके पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी उकेरी गई थी। पीएसएलवी-सी 51 को सुबह 10.24 बजे प्रक्षेपित किया गया, जो इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का पहला व्यावसायिक मिशन था। लगभग 17 मिनट की उड़ान के बाद, व्हीकल ने अमेजोनिया-1 को उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित कर दिया और अगले एक घंटे 38 मिनट के समय में शेष सभी 18 उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में सफलापूर्वक स्थापित कर दिया। अमेजोनिया-1 ब्राजीलियन नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) का ऑप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। यह उपग्रह उपयोगकर्ताओं को अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी करने और ब्राजील के क्षेत्रों में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान करेगा। 18 उपग्रहों में इन-स्पेस के 4 और एनएसआईएल के 14 वाणिज्यिक उपग्रह (भारत से एक तथा अमेरिका से 13 उपग्रह) शामिल थे।इन-स्पेस के चार उपग्रहों में से तीन यूनिटीसैट थे जिन्हें जेप्पियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (श्रीपेरुम्बुदूर), जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (नागपुर) और श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी (कोयंबत्तूर) द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन एवं निर्मित किया गया था। चौथा उपग्रह, चेन्नई स्थित स्पेस किड्ज इंडिया का सतीश धवन सैटेलाइट (एसडीसैट) था, जो छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। एसडीसैट दूसरे कार्यों के अलावा अंतरिक्ष विकिरणों का भी अध्ययन करेगा। इसके शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री मोदी के नाम तथा तस्वीर के अलावा, उपग्रह ने नीचे के पैनल पर इसरो अध्यक्ष के शिवन और वैज्ञानिक सचिव आर उमामहेशवरन के नाम भी दर्ज किए गए हैं। ब्राजील के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री, मार्कोस सीजर पोंट्स ने कहा, ‘अमेजोनिया-1 ब्राजील के लिए अहम मिशन है, जो देश में उपग्रह विकास के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
इस साल 14 मिशन: शिवन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष के. शिवन ने बताया कि इस साल इसरो की काफी अधिक व्यस्यतताएं होंगी। उन्होंने प्रक्षेपण के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम इस साल लगभग 14 मिशनों पर काम कर रहे हैं।’ इनमें साल के अंत तक छह उपग्रह मिशन, सात प्रक्षेपण मिशन और एक मानव रहित मिशन शामिल हैं।
इसरो अपने गगनयान मानव मिशन से पहले दो मानवरहित अंतरिक्ष मिशनों को प्रक्षेपित करेगा। गगनयान मिशन के तहत साल 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। वर्तमान में, गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए चुने गए चार परीक्षण पायलटों का प्रशिक्षण रूस में चल रहा है।
बड़ी उड़ान
पीएसएलवी-सी51 पीएसएलवी की 53वीं उड़ान है और ‘डीएल’ कॉन्फिगरेशन में पीएसएलवी की तीसरी उड़ान है। यह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से 78 वां प्रक्षेपण मिशन था। रविवार को हुए प्रक्षेपण के साथ इसरो ने 34 देशों के 342 कस्टमर उपग्रहों को पीएसएलवी की मदद से आपेक्षित कक्षाओं में स्थापित कर दिया है।