देश में कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के संदिग्ध मामलों की आशंका बढऩे के साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के चिंताजनक स्वरूप की वजह से संक्रमण के मामले में तेजी आ सकती है। इन विशेषज्ञों के मुताबिक लोग दोबारा भी संक्रमित हो सकते हैं और जिन लोगों ने टीके की दोनों खुराक ली है उनके भी संक्रमित होने का खतरा बरकरार है। यशोदा हॉस्पिटल्स हैदराबाद में कंसल्टेंट (पल्मनलॉजी एवं स्लीप मेडिसिन) वी नागार्जुन मातुरु का कहना है कि कोरोनावायरस के डेल्टा स्वरूप के मुकाबले ओमीक्रोन स्वरूप ज्यादा संक्रामक है जिसके सबूत दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित तेजी से मिल रहे हैं जहां ओमीक्रोन डेल्टा स्वरूप पर हावी हो गया है जिसका काफी प्रसार हुआ था।
मातुरु ने कहा, ‘भारत में तीसरी लहर की निश्चित रूप से संभावना है क्योंकि वायरस का स्वरूप भारत से अलग ही रहा है। वायरस के इस स्वरूप के कई म्यूटेशन प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं ऐसे में सैद्धांतिक रूप से यह संभव है कि टीका लगवा चुके लोग भी संक्रमित हो जाएं।’ उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन से बचाव में टीका कितना कारगर है इसका जायजा लेने के लिए अध्ययन जारी है।
ओमीक्रोन की वजह से तीसरी लहर आ सकती है या नहीं इस सवाल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि संक्रमण के मामले में जिस पैमाने और रफ्तार से वृद्धि हो रही है और यह कितना गंभीर हो सकता है उस पर पूरी तरह से स्पष्टता नहीं बन पा रही है।
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेलूर में क्लिनिकल वायरोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख एवं वरिष्ठ विषाणु विशेषज्ञ जैकब जॉन कहते हैं कि संक्रमण की पूरी आंशका है। उन्होंने कहा, ‘वायरस की वजह से संक्रमण गंभीर हो सकता है। ओमीक्रोन प्रतिरोधक क्षमता को भी नजरअंदाज कर सकता है। बीटा और डेल्टा स्वरूप पर टीके की प्रतिक्रिया मूल स्वरूप की तुलना में कम थी। ओमीक्रोन पर इसका असर और भी कम होगा। ओमीक्रोन में अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और इसका अपना भी म्यूटेशन है। यह एक अलग तरह का वायरस है। यह टीका लगवा चुके लोगों की प्रतिरोधक क्षमता के बावजूद संक्रमित कर सकता है। इसीलिए हमें बूस्टर खुराक की जरूरत है।’ हालांकि अब तक ओमीक्रोन मरीजों में सामान्य से थोड़े अधिक लक्षण देखे गए हैं।
यशोदा हॉस्पिटल्स हैदराबाद में कंसंल्टेंट (इंटरवेंशनल पल्मोनलॉजी और स्लीप मेडिसिन) विश्वेशवरन बालासुब्रमण्यन का कहना है कि सबूतों से अंदाजा मिल रहा है कि वायरस के इस नए स्वरूप के संक्रमण की तीव्रता अधिक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘इस वायरस के संक्रमण से लोगों को गले में दर्द की परेशानी के साथ-साथ शरीर में दर्द, बुखार, सूखी खांसी आदि की समस्या हो रही है। इसके अलावा स्वाद और गंध की दिक्कत इस स्वरूप में सामान्य नहीं है।’ हालांकि वह भी तीसरी लहर की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं करते हैं।
केंद्र ने भी कहा है कि ओमीक्रोन से संक्रमण के मामले गंभीर होने की संभावना कम है क्योंकि भारत में टीकाकरण की रफ्तार तेज रही है और यहां डेटा स्वरूप से संक्रमित होने की वजह से सीरोपॉजिटिविटी भी अधिक रही है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के अध्यक्ष के श्रीनाथ रेड्डïी ने कहा, ‘जो भी सीमित सूचनाएं उपलब्ध हैं उनसे यह अंदाजा मिलता है कि लोग ज्यादा बीमार नहीं हैं और आईसीयू में लोगों को भर्ती करने को लेकर अफरातफरी नहींं है। हमने अब तक ओमीक्रोन की वजह से किसी के मरने और अस्पताल में भर्ती होने की तादाद में तेजी नहीं देखी है।’
