स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि कई भारतीय कंपनियां अपने कोविड-19 रोधी टीकों का उत्पादन बढ़ा रही हैं और भारत दुनिया में पहला ऐसा देश भी बन सकता है जिसके पास इस महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा। मंडाविया ने ‘देश में कोविड-19 महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां’ विषय पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा के जवाब में बताया कि कैडिला हेल्थकेयर लि. के डीएनए आधारित टीके का, तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसने आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी हासिल करने के वास्ते भारत के औषधि महानियंत्रक के समक्ष अंतरिम आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि अपेक्षित मानक पूरे होने पर जब यह टीका बाजार मे आ जाएगा तब यह देश का, पहला डीएनए आधारित टीका होगा और तब भारत भी ऐसा पहला देश होगा जिसके पास कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा।’
मंडाविया ने कहा, ‘चरणबद्ध तरीके से शुरू हुआ टीकाकरण कार्यक्रम अच्छी तरह चल रहा है। राज्यों को 15 दिन पहले, उन्हें दिए जाने वाले टीकों के बारे में सूचना दे दी जाती है जिसके अनुसार वह टीकाकरण केंद्र खोलने की योजना बना सकते हैं। अभी हर दिन 50 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है और टीकों की उपलब्धता बढऩे के साथ-साथ यह संख्या भी बढ़ती जाएगी।’
मंडाविया ने बताया कि देश की दो वैक्सीन निर्माता कंपनियां बच्चों के लिए कोविड रोधी टीकों का परीक्षण कर रही हैं और उम्मीद जताई कि इन परीक्षणों के सफल होने पर बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि कोरोनावायरस महामारी की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखते हुए बच्चों को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है, फिर भी सरकार इस मामले में पूरी तैयारिया कर रही है। मंडाविया ने कहा कि महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
मंडाविया ने कहा, ‘देश के सभी बड़े अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं। सरकार, एनजीओ, विभिन्न कंपनियां, राज्य सरकारों की भी इनमें भागीदारी है। उन्होंने कहा, ’23 हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज घोषित किया गया है ताकि इस महामारी से निपटने के लिए अवसंरचना एवं आवश्यक संसाधन जुटाए जा सकें। राज्यों से योजनाएं इस संबंध में योजनाएं मांगी गई हैं।’
मंडाविया ने कहा, ‘जब सामूहिक प्रयासों से काम करने की बात आती है तो सरकार ने कभी यह नहीं कहा कि इस राज्य ने यह नहीं किया। जिस राज्य का कोविड प्रबंधन अच्छा रहा, उसकी हमने दिल खोल कर सराहना की। जो राज्य टीके की कमी का दावा कर रहे हैं उनमें से कुछ के पास पर्याप्त टीके रखे हुए हैं।’
मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप को सिरे से नकारते हुए मंडाविया ने कहा, ‘ये आंकड़े छिपाने का कोई कारण नहीं है। मृत्यु के मामलों का पंजीकरण राज्यों में होता है। राज्य से आंकड़े आने के बाद उन्हें कंपाइल (संकलित) कर केंद्र प्रकाशित करता है। केंद्र ने किसी भी राज्य को आंकड़े कम बताने के लिए नहीं कहा।’