देश में कोविड-19 के मामले 31 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं, लेकिन फिर भी खुदरा बाजारों और सैर-सपाटे की जगहों पर आने वाले लोगों की तादाद बढ़ रही है। प्रमुख शहरों में यातायात बढऩा भी इस बात का एक संकेत है कि लोग अपने घर से बाहर निकल रहे हैं। लॉकडाउन की बड़ी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है, इसलिए सरकार धीरे-धीरे बंदिशों को हटाने के लिए मजबूर है। बिज़नेस स्टैंडर्ड साप्ताहिक आधार पर यातायात, खुदरा एवं अन्य जगहों के दौरे की गूगल मोबेलिटी रिपोर्ट के अलावा बिजली उत्पादन, प्रदूषण और रेल मालभाड़े की पड़ताल करता है। गूगल की रिपोर्ट कुछ देरी से आती है, जबकि अन्य आंकड़े 23 अगस्त तक के हैं। सामान्य आर्थिक संकेतक जैसे कारोबारी आंकड़े और सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े हर महीने या तिमाही में आते हैं। दुनिया भर में विश्लेषक ऐसे संकेतकों पर नजर रख रहे हैं ताकि जमीनी स्तर पर तेजी से बदलती स्थितियों का पता लगाया जा सके।
सर्च इंजन गूगल स्थानों की प्रमुख श्रेणियों में आवाजाही ंपर नजर रखने के लिए लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है। ये आवाजाही मार्च के आखिर के स्तर पर वापस आ गई हैं। हालांकि वे दुनिया में महामारी आने और सरकारों के इसके प्रसार पर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन लगाने से पहले के मुकाबले आधी हैं। जगहों की अन्य श्रणियों के दौरों में मामूली बदलाव आया है। कार्यस्थल पर जाने का स्तर सामान्य का करीब 70 फीसदी है।
यातायात एक अन्य संकेतक है, जिससे पता चलता है कि ज्यादा लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। लोकेशन तकनीक कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई और नई दिल्ली में यातायात जाम बढ़ा है। मुंबई में यातायात 2019 के स्तरों के मुकाबले 59 फीसदी पर है। नई दिल्ली में यातायात वर्ष 2019 के आंकड़ों के 88 फीसदी पर पहुंच चुका है।
वाहनों की आवाजाही में अंतर प्रदूषण के आंकड़ों में भी दिखता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तरों की भी पड़ताल करता है। उत्सर्जन का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक गतिविधियां और दूसरा प्रमुख कारण वाहन है। मुंबई में नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तरों को बांद्रा से मापा जाता है। यह आंकड़ा 2019 की तुलना में अभी कम है। दिल्ली में आंकड़ा केवल 13 फीसदी नीचे है।
रेलवे पिछले साल के इसी सप्ताह के मुकाबले ज्यादा माल की ढुलाई कर रहा है। पिछले सप्ताह में अधिक बढ़ोतरी हुई थी। माल ढुलाई की मात्रा 16 अगस्त को समाप्त सप्ताह में पिछले साल के इसी सप्ताह के मुकाबले करीब 10 फीसदी बढ़ी थी। चालू सप्ताह में माल ढुलाई करीब 1.3 फीसदी बढ़ी है। माल ढुलाई से आमदनी में गिरावट नजर आई है।
बिजली उत्पादन में मामूली गिरावट के संकेत दिखाई दिए हैं। अगस्त में ज्यादातर समय सात दिन का रोलिंग औसत 2019 से अधिक रहा था। लेकिन यह पिछले दिनों में 2019 के स्तरों से थोड़ा नीचे आ गया है।
