केंद्र सरकार का 4,500 करोड़ रुपये का प्रदर्शन से जुड़ा प्रोत्साहन (पीएलआई) सौर विनिर्माण क्षेत्र में उद्योग की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। इस योजना के तहत सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माताओं को बिक्री मूल्य का महज 3-5 प्रतिशत मिल सकेगा।
भारत सरकार 2030 तक रिकॉर्ड 450 जीडब्ल्यू स्वच्छ ऊर्जा क्षमता का दावा कर रही है और योजना का लक्ष्य स्वदेशी सौर बिजली क्षमता को समर्थन करना है। एक प्रमुख सौर ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उद्योग जगत की गणना से संकेत मिलते हैं कि पूंजीगत व्यय के हिसाब से पीएलआई 15-25 प्रतिशत होगी। पूंजीगत व्यय पर प्रोत्साहन 5 साल बाद आएगा। बिक्री पर प्रोत्साहन चर है क्योंकि कोई नहीं जानता है कि वह कितनी बिक्री करेगा। सीमा शुल्क के कारण विदेशी निवेशकों के लिए प्रोत्साहन और कम हो जाता है।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें सोलर फोटोवोल्टाइक (पीवी) पैनलों को केंद्र की पीएलआई योजना के तहत घरेलू विनिर्माण को गति देने की बात कही गई थी। प्रस्तावित योजना से उम्मीद की गई है कि इससे 10,000 मेगावॉट अतिरिक्त क्षमता के इंडीग्रेटेड सोलर पीवी विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की जा सकेगी।
एमएनआरई की ओर से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक विनिर्माताओं का चयन पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया से होगा और पीएलआई विनिर्माण संयंत्र चालू होने के 5 साल के बाद तक बिक्री के मुताबिक मिल सकेगी।
डीएएम कैपिटल ने हाल के नोट में अनुमान लगाया है कि 1 गीगावॉट सेल और मॉड्यूल के लिए 1,500 करोड़ रुपये पूंजी की जरूरत होती है और इस योजना से देश में 8 से 10 गीगावॉट सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता बढ़ सकती है।
नोट में कहा गया है, ‘प्रथम दृष्टया दिशानिर्देशों के आधार पर हमें लगता है कि योजना अनुभव वाले बड़े कारोबारियों के लिए लाभदायक है। अदाणी इंटरप्राइजेज और टाटा पावर की 1.1 गीगावॉट और 0.4 गीगावॉट सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण की क्षमता है। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सूचीबद्ध इकाइयों में कोल इंडिया और भेल भी नीलामी में शामिल होंगी।’ इसमें कहा गया है कि घरेलू विनिर्माताओं को सौर आयात पर बुनियादी सीमा शुल्क का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने आयातित सोलर सेल और मॉड्यूल पर अप्रैल, 2022 और उसके बाद से 40 प्रतिशत बुनियादी सीमा शुल्क लगाने का फैसला किया है, जिससे घरेलू सौर विनिर्माण को समर्थन मिल सके। भारत में कुल सौर क्षमता का 85 प्रतिशत आयातित सौर सेल और मॉड्यूल से बना है, जिनमें अधिकतम चीन से आयातित है।
उद्योग के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘पीएलआई की तुलना में बीसीडी विदेशी कारोबारियों को बहुत बेहतर प्रोत्साहन देता है कि वे आएं और भारत में विनिर्माण करें। पूंजीगत व्यय की तुलना में पीएलआई के तहत प्रोत्साहन बहुत कम है। बड़े विनिर्माताओं के लिए न पीएलआई लाभदायक है, न बीसीडी। स्थापित सौर उपकरण विनिर्माता सेज में स्थित हैं और केंद्र ने अब तक उन्हें किसी छूट की पेशकश नहीं की है।’
नामित को वाहन हस्तांतरण पर नियम अधिसूचित
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने किसी वाहन के मालिक के पंजीकरण प्रमाणपत्र में किसी व्यक्ति को नामित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में कुछ बदलाव अधिसूचित किए हैं। इस तरह के बदलाव से मोटर वाहन वाहन मालिक के मृत्यु की स्थिति में नामित व्यक्ति के नाम से मोटर वाहन पंजीकृत करने या हस्तांतरित करने में आसानी होगी। वाहन मालिक अब वाहन के पंजीकरण के समय नामित व्यक्ति का नाम डाल सकते हैं या बाद में ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी ऐसा कर सकते हैं।
अधिसूचना में कहा गया, ‘वाहन मालिक की मौत की स्थिति में, वाहन मालिक ने पंजीकरण के समय जिस व्यक्ति को नामित किया है या फिर जो वाहन का उत्तराधिकारी बनता हो, जो भी स्थिति हो, वाहन मालिक की मृत्यु से तीन महीने की अविधि के लिए वाहन का इस तरह से इस्तेमाल कर सकता है। ‘ भाषा