भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने लगातार चौथे साल शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2021 में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में अपनी शीर्ष जगह बरकरार रखी है।
प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी, मद्रास ने अपना परचम लहराते हुए ‘समग्र’ और ‘इंजीनियरिंग’ दोनों ही श्रेणियों में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी मद्रास लगातार चौथे वर्ष शीर्ष स्थान पर है। ‘विश्वविद्यालय’ श्रेणी में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलूरु लगातार चौथे वर्ष शीर्ष स्थान पर है। वहीं ‘प्रबंधन’ श्रेणी में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद ने लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष स्थान पर अपनी जगह बनाए रखी है।
अपनी पिछले साल की रैंकिंग को बरकरार रखते हुए ‘समग्र श्रेणी’ में आईआईएससी बेंगलूरु ने दूसरा, आईआईटी बंबई ने तीसरा, आईआईटी दिल्ली ने चौथा और आईआईटी कानपुर ने पांचवां स्थान हासिल किया है। विश्वविद्यालय श्रेणी में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दूसरे, जामिया मिल्लिया इस्लामिया तीसरे, जादवपुर विश्वविद्यालय चौथे और अमृता विश्व विद्यापीठम पांचवें स्थान पर है। इस साल जुड़ी नई श्रेणी ‘अनुसंधान’ के लिहाज से आईआईएससी बेंगलूरु ने सबको पछाड़ कर पहला स्थान हासिल किया है। वहीं आईआईटी मद्रास दूसरे और आईआईटी दिल्ली तीसरे स्थान पर है।
मान्यता और रैंकिंग की बढ़ती जरूरत पर जोर डालते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लगभग 40,000 से 50,000 कॉलेजों में से केवल 8,000 से 8,500 को ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मान्यता मिली थी। प्रधान ने कहा, ‘सभी संस्थानों को स्व-घोषणा के माध्यम से एनआईआरएफ, नैक और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) का हिस्सा बनने की जरूरत है।’ इंजीनियरिंग संस्थानों में आईआईटी मद्रास के बाद आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बंबई, आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर अपने पिछले साल की रैंकिंग को बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। बी-स्कूलों में आईआईएम बेंगलूरु ने दूसरा और आईआईएम कलकत्ता ने अपना तीसरा स्थान बरकरार रखा है जबकि आईआईटी दिल्ली ने आईआईएम कोझिकोड को पीछे छोड़ते हुए चौथा स्थान हासिल किया। आईआईएम कोझिकोड को पांचवें स्थान से ही संतोष करना पड़ा।
महिला कॉलेजों की श्रेणी में दिल्ली के मिरांडा हाउस ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाते हुए पहले स्थान पर अपनी जगह बरकरार रखी है। दिल्ली का हिंदू कॉलेज दूसरे, चेन्नई का प्रेसिडेंसी कॉलेज तीसरे, लोयोला कॉलेज चौथे और दिल्ली का ही लेडी श्रीराम कॉलेज पांचवें स्थान पर रहा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) चिकित्सा श्रेणी में सबसे आगे है। चंडीगढ़ का पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) दूसरे स्थान पर और सीएमसी वेलूर तीसरे स्थान पर है।
वास्तुकला श्रेणी में लगातार दूसरे साल आईआईटी रुड़की ने पहला स्थान हासिल किया है। जबकि अपनी पिछली रैकिंग को बरकरार रखते हुए एनआईटी कालीकट ने दूसरा और आईआईटी खड़गपुर ने तीसरा स्थान हासिल किया है।
कानून श्रेणी में नैशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) बेंगलूरु और नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) दिल्ली शीर्ष दो संस्थान है जबकि पुणे के सिंबॉयसिस लॉ स्कूल ने छह स्थान की बड़ी छलांग लगाकर तीसरे पायदान पर अपनी जगह बनाई है। पिछले साल की रैकिंग में यह नौवें स्थान पर था।
दंत चिकित्सा श्रेणी में चेन्नई के सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल ऐंड टेक्निकल साइंसेज ने तीसरे पायदान से छलांग लगाते हुए इस साल पहला स्थान प्राप्त किया है। दूसरी तरफ मणिपाल कॉलेज फॉर डेंटल साइंस एक पायदान फिसलकर दूसरे पायदान पर आ गया है। यही हाल डॉ. डी वाई पाटिल विद्यापीठ का भी है। यह भी एक पायदान फिसलकर तीसरे पायदान पर आ गया है।
2015 में शुरू की गई एनआईआरएफ रैकिंग ने इस साल 3 से 11 श्रेणियों तक का सफर तय कर लिया है जिसमें समग्र श्रेणी के साथ ही विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कॉलेज, मेडिकल, फॉर्मेंसी, वास्तुकला, कानून, दंत चिकित्सा कॉलेज और अनुसंधान शामिल है।
रैकिंग फ्रेमवर्क के तहत शैक्षणिक संस्थानों को क्रम देने की प्रक्रिया की एक पद्धति है। क्रम देने का पैमाना ‘शिक्षण, अध्ययन और संसाधन’, ‘शोध एवं पेशेवर प्रक्रिया’, ‘स्नातक के नतीजे, ‘सभी वर्गों तक आसानी से पहुंच’ और ‘धारणा’ पर आधारित है।
रैकिंग के लिए आए कुल 7,254 आवेदनों में से 4,786 संस्थानों के आवेदन को विभिन्न श्रेणियों और विषयों में बांट कर रैकिंग तैयार की गई है।
