भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नवोन्मेष उपलब्धियों पर संस्थानों की नवीनतम अटल रैंकिंग (एआरआईआईए) में राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्र द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) के बीच शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। आईआईटी मद्रास के बाद इस श्रेणी में दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमश: आईआईटी बंबई, आईआईटी दिल्ली, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) बेंगलूरु और आईआईटी खडग़पुर शामिल हैं।
आईआईटी बंबई के निदेशक शुभाशिष चौधरी ने कहा कि आईआईटी बंबई नवोन्मेष और उद्यमशीलता पर काफी जोर देता है और वह यह सुनिश्चित करने के लिए काफी मेहनत करता है कि अनुसंधान का परिणाम उत्पादों के रूप में सामने आए जिससे देश को लाभ हो। दूसरी ओर संस्थान के डीन (शोध एवं विकास) मिलिंद अत्रे ने कहा कि आईआईटी बंबई उद्योग-शैक्षिक सहजीविता के विकास के लिए कड़ा श्रम करता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रयोगशालाओं में विकसित नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी बड़े स्तर पर समाज तक पहुंचे।
अपने दूसरे संस्करण में एआरआईआईए ने सामान्य रूप से वैश्विक स्तर पर उपयोग किए जाने वाले मुख्यत: नवोन्मेष से संबंधित उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों की रैंकिंग पर विचार किया है। एआरआईआईए का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवोन्मेष और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय संस्थानों को अपने सोच-विचार में बदलाव और पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा एआरआईआईए का उद्देश्य भविष्य के विकास के लिए संस्थानों के वास्ते दिशानिर्देश तैयार करना भी है ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके और नवोन्मेष के मोर्चे पर आगे लाया जा सके।
इस रैंकिंग में छह श्रेणियों के अंतर्गत नवोन्मेष के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों की सूची शामिल है। राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थानों/केंद्रीय विश्वविद्यालयों/सीएफटी के अलावा अन्य पांच श्रेणियों में सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज और विश्वविद्यालय, निजी या स्व-वित्तपोषित कॉलेज और विश्वविद्यालय तथा विशेष रूप से महिलाओं के उच्च शिक्षा संस्थान शामिल हैं।
सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त तीन शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल हैं – रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीटी), पंजाब विश्वविद्यालय और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, जबकि नवोन्मेष के लिए शीर्ष तीन निजी या स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में सबसे ऊपर है – कलिंगा औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान, ओडिशा और इसके बाद स्थान आता है एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी तथा और वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु का। सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों/संस्थानों में पुणे स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इसके बाद कर्नाटक के पीईएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग तथा कोयंबत्तूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान रहा। निजी या स्व वित्तपोषित कॉलेजों/संस्थानों की श्रेणी में एसआर इंजीनियरिंग कॉलेज, तेलंगाना का सर्वोच्च स्थान रहा। इसके बाद जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर और श्री कृष्ण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु का स्थान रहा।
विशेष रूप से महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों की छठी श्रेणी में तमिलनाडु स्थित अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट ऑफ होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वूमेन को नवोन्मेष के लिए शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है। इसके बाद इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमन का स्थान रहा। कुल मिलाकर एआरआईआईए-2020 में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत 674 उच्च शिक्षा संस्थानों ने भाग लिया जिसमें 373 निजी या स्व-वित्तपोषित कॉलेज, 121 सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज, 80 निजी या स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय महत्त्व के 62 संस्थान/ केंद्रीय विश्वविद्यालय/ सीएफटीआई तथा 38 सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय शामिल थे।
