स्नातक रोजगार प्रक्रियाओं और परिणामों पर नजर रखने वाली नवीनतम क्यूएस ग्रैजुएट एम्प्लॉयबिलिटी रैंकिंग्स 2022 ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई, दिल्ली और मद्रास को दुनिया के शीर्ष 200 में शामिल किया है। वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषकों क्वाक्वारेली साइमंड्स (क्यूएस) द्वारा जारी करियर-केंद्रित छात्रों के लिए दुनिया के शीर्ष संस्थानों की स्वतंत्र सूची में वैश्विक स्तर पर कुल 550 संस्थानों में से 12 भारतीय संस्थानों को जगह दी गई है। राष्ट्र की सबसे दमदार रोजगारपरक योग्यता प्रक्रियाओं को क्रियान्वित करने वाले और रोजगारपरकता के सबसे ज्यादा सुदृढ़ परिणाम प्राप्त करने वालों में से भारत का राष्ट्रीय रोजगारपरक अगुआ आईआईटी बंबई है, जिसे 101 से 110 तक के समूह में रखा गया है। यह वैश्विकशीर्ष 100 (पहले 111 से 120 वाले समूह में था) की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद आईआईटी दिल्ली का स्थान आता है, जो 151 से 160 वाले समूह से उछलकर 131 से 140 वाले समूह में आ गया है। इसी तरह आईआईटी मद्रास 151 से 160 वाली श्रेणी में आ गया है, जो पहले 171 से 180 वाले समूह में था। इसमें शामिल कुल 12 भारतीय संस्थानों में से चार ने पिछली रैंकिंग के बाद से अपनी स्थिति में सुधार किया है, जबकि अन्य चार संस्थानों अपनी जगह या श्रेणी बरकरार रखी है। दो भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट आई है, जबकि इस साल दो नए संस्थानों ने जगह बनाई है, जिनमें ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) और आईआईटी रुड़की शामिल हैं। इस रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए क्यूएस के अनुसंधान निदेशक बेन सॉटर ने कहा, ‘इस रैंकिंग में योगदान देने वाले आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय विश्वविद्यालय लगातार बड़ी संख्या में उद्यमियों, कारोबार के अगुआ और अन्य अत्यधिक सफल व्यक्तियों का सृजन कर रहे हैं।’
