विश्व बैंक समूह का सदस्य अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) एक विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना में गुजरात सरकार की मदद कर रहा है।
यह विश्वविद्यालय आदिवासी इलाके खेडभरम्मा में 10,000 से भी अधिक छात्रों की शैक्षणिक जरूरतें पूरी कर सकता है। फिलहाल वहां शैक्षणिक सुविधाएं बेहद सीमित हैं। आईएफसी इस परियोजना की स्थापना के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के इस्तेमाल में हेमचंद्रआचार्य नॉर्थ गुजरात यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार को सलाह देगा।
हाल में वाइब्रेंट गुजरात समिट 2009 में आईएफसी और राज्य सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इससे विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना के लिए निजी भागीदारों को आकर्षित करने के लिए रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी। इस विश्वविद्यालय में पांच साल में 10,000 से अधिक छात्रों को जोड़े जाने की उम्मीद है।
यह अत्याधुनिक, विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय प्रबंधन और सूचना प्रौद्योगिकी में विभिन्न पेशेवर पाठयक्रमों की पेशकश करेगा जिससे तेजी से फल-फूल रही अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल श्रमशक्ति के निर्माण और उद्यमियों के विकास को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। गुजरात भारत में बुनियादी ढांचा सुधारों की प्रक्रिया में अगुआ बना हुआ है और यह राज्य निजी निवेश के लिए एक आकर्षक ठिकाना है।
अनुमानों के मुताबिक इस राज्य में 2020 तक कृषि, कृषि-व्यवसाय, हाउसिंग, स्वास्थ्य, वित्तीय सेवाओं और लघु एवं मझोले उद्यम क्षेत्रों में 2 करोड़ रोजगार सृजित करने की क्षमता है। इन नौकरियों के सृजन के लिए जरूरी श्रमशक्ति के निर्माण के लिए गुजरात को अभी अपनी शैक्षणिक ढांचे को विकसित करने के लिए बड़े समर्थन की जरूरत है।
दक्षिण एशिया में आईएफसी की इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी के प्रमुख विपुल भगत के मुताबिक, ‘शिक्षा के क्षेत्र में पीपीपी परियोजनाओं के निर्माण में सरकारों की मदद करने के लिहाज से हमें गहन अनुभव हासिल है। गुजरात परियोजना भारत में इसी तरह के उपक्रमों के लिए एक मॉडल मुहैया करा सकती है।’
आईएफसी हाल में ही बोत्सवाना में इसी तरह की एक पीपीपी परियोजना में मददगार की भूमिका निभा चुका है। आईएफसी उभरते बाजारों में निजी शिक्षा क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा बहुराष्ट्रीय निवेशक है।
यह निगम 25 देशों 30 करोड़ डॉलर से अधिक की लागत वाली 51 परियोजनाओं को लेकर समर्पित है। इन सभी शैक्षणिक परियोजनाओं पर 2006 से 2008 के बीच हस्ताक्षर किए गए हैं और इनमें से 63 फीसदी परियोजनाएं दुनिया के सबसे गरीब देशों में हैं।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी के कार्यान्वयन को लेकर आईएफसी ढांचागत परियोजनाओं, बाहरी विशेष सलाहकारों के चयन और प्रबंधन में मदद करता है। वित्त वर्ष 2008 आईएफसी का नया निवेश कुल 16.2 अरब डॉलर रहा जो उससे पिछले साल की तुलना में 34 फीसदी अधिक है।
