उत्तर प्रदेश में गन्ने की कमी ने चीनी मिलों की हालत खराब कर दी है। पेराई का मौसम चल रहा है और प्रदेश में अब तक 18 चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं।
वजह है, गन्ने की कमी। आलम यह है कि इस बार पेराई?का मौसम बहुत छोटा होने का अंदेशा है। दरअसल प्रदेश में किसानों का अब गन्ने से मोहभंग हो रहा है और वे तिलहन और दूसरी नकदी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं।
गन्ने से किसानों के कि नारा करने की वजह से सूबे में इस साल गन्ने के रकबे में 21 लाख हेक्टेयर की कमी और पैदावार में 30 फीसदी तक कमी आई है। यही कारण है कि इस साल पूरे प्रदेश में महज 1,100 लाख टन गन्ने की पैदावार ही हो पाई है।
इस साल पूरे प्रदेश में 132 चीन मिलें गन्ने की पेराई में लगी थीं लेकिन इनमें से 18 चीनी मिलें गन्ने की कमी के चलते ही वक्त से पहले ही आउट हो गईं। इन 18 में से 12 चीनी मिलें निगम की हैं, पांच सहकारी और एक निजी है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त गंगादीन यादव का कहना है कि अभी सूबे में कई और चीनी मिलें बंद हो सकती हैं। यादव ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें फरवरी के आखिर तक बंद हो सकती हैं, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश की मिलों में मार्च के तीसरे हफ्ते तक पेराई चल सकती है।’
अगर गन्ने की उपज और आपूर्ति सामान्य तरीके से होती रहे, तो पेराई सत्र अक्टूबर में शुरू होकर अप्रैल तक चलता है। लेकिन इस बार गन्ने की पैदावार में 30 फीसदी की कमी से चीनी मिलों को बेवक्त ही ताला लगाना पड़ रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में अब तक 3.15 करोड़ टन गन्ने की पेराई हो चुकी है जिससे मुश्किल से 28 लाख टन चीनी का उत्पादन हो पाया है। प्रदेश में चीनी की कुल खपत ही 50 लाख टन की है।
इसका साफ मतलब है कि आने वाले वक्त में चीनी की किल्लत से भी रूबरू होना पड़ सकता है।?जानकारों का मानना है कि किसान गन्ने की फसल को फायदे का सौदा नहीं मानते हैं।
इसके अलावा गन्ने की कीमत का भुगतान करने में भी सरकार और चीनी मिलें लेटलतीफी दिखाती हैं।इसी वजह से किसान अब गन्ना उगाना मुनासिब नहीं समझ रहे।
एक चीनी मिल के अधिकारी का कहना है, ‘केंद्र सरकार चीनी के आयात की बात कर रही है क्योंकि चुनावी साल में सरकार महंगी चीनी का खतरा नहीं मोल ले सकती। दूसरी ओर गन्ने की 140 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत की वजह से प्रदेश की चीनी मिलों के मुनाफे पर चोट लग रही है।’
यूपी में चीनी मिलें बंद
अब तक 18 चीनी मिलें बंद
गन्ने के रकबे में आई कमी
उत्पादन हुआ 30 फीसदी कम
दूसरी फसलों का रुख कर रहे हैं किसान
मार्च तक खत्म हो सकती है पेराई
आमतौर पर अप्रैल तक चलती है
अभी तक 28 लाख टन चीनी का उत्पादन
50 लाख टन की कम से कम होती है खपत