कोविड-19 महामारी के बीच नए हुनर सीखने वाले लोगों की संख्या में तेजी देखी गई है और भारत के लोग इस मामले में आगे रहे हैं। दुनिया में ऑनलाइन माध्यम से लोगों को हुनर सीखाने एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने वाली शीर्ष इकाइयों में एक कोर्सेरा के अनुसार जनवरी 2020 से नए कौशल सीखने वाले लोगों की संख्या भारत में सार्वाधिक रही है। कंपनी के अनुसार ऐसे लोगों की तादाद लगभग 75 लाख रही है।
भारत में 30 जून 2021 तक कोर्सेरा के 1.25 करोड़ पंजीकृत शिक्षार्थी थे। नए लोगों के जुडऩे से कोर्सेरा को भारत में अपनी पैठ बढऩे में मदद मिली है। कोर्सेरा के सीईओ जेफ मैगियोनकाल्डा ने कहा कि भारत उनके लिए एशिया-प्रशांत एपीएससी क्षेत्र का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।
मैगियोनकाल्डा ने कहा, ‘कोविड महामारी से लोगों के सीखने और उन्हें सीखाने के तरीकों पर बहुत असर हुआ है। भारत में हमारे साथ काफी संख्या में ऐसे लोग जुड़े हैं जो नई खूबियां सीखना चाहते हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि लोग एवं संस्थान ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा एवं नए कौशल सीखने एवं सीखाने में पहले से अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि उनकी इकाई भारत के शीर्ष शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है और लोगों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा दे रही है। अमेरिका के बाद भारत कोर्सेरा के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। अमेरिका में 30 जून 2021 तक कंपनी के साथ 8.7 करोड़ शिक्षार्थी जुड़े थे।
नामांकन के लिहाज से दुनिया में कोर्सेरा के साथ 30 जून 2021 तक 9.45 करोड़ लोग जुड़े थे। वैश्विक स्तर पर भारत में सर्वाधिक 2.46 करोड़ लोग र्कोसेरा से बतौर शिक्षार्थी जुड़े थे। भारत में कुछ शिक्षार्थियों में 62 प्रतिशत पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। कोर्सेरा के साथ जुडऩे वाली महिलाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। कोर्सेरा ने बुधवार को कहा कि उसने भारत में चार नए शिक्षण संस्थानों से समझौता किया है। इससे देश में वह 10 विश्वविद्यालयों से जुड़ चुकी है। इसके नए साझेदारों में आईआईटी मुंबई, आईआईटी गुवाहाटी, भारतीय सांख्यिकीय संस्थान और अशोक यूनिविर्सिटी हैं।
कोर्सेरा ने अपने नए साझेदरों जैसे माइक्रोसॉफ्ट आदि की तरफ से नई छात्रवृत्ति की घोषणा की है। आईबीएम भी करीब 500 छात्रवृत्ति देगी। कोर्सेरा के प्रबंध निदेशक (भारत एवं एपीएसी) ने कहा कि महामारी से उत्पन्न हालात के बीच नए हुनर सीखने की जरूरत आन पड़ी है।