भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आए चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ के कारण समु्द्र में अनियंत्रित होकर बहे 2 बजरों पर सवार 314 लोगों को बचा लिया है। तूफान के कमजोर पडऩे के संकेत मिले हैं, लेकिन तौकते ने महाराष्ट्र और गुजरात में भारी तबाही मचाई है। गुजरात में चक्रवाती तूफान से राज्य के पश्चिमी तट पर इससे भारी तबाही मची है। राज्य में कम से कम 7 लोगों की जान चली गई, जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ। बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि चक्रवाती तूफान की वजह से 16,500 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है, जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और एक हजार से ज्यादा बिजली के खंभे इसकी वजह से उखड़ गए।
नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे 3 बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा ‘गल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे। अधिकारी ने कहा कि ‘गल कंस्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 177 लोगों को बचा लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘दमन के तटरक्षक वायु स्टेशन से संचालित दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने ‘गल कंस्ट्रक्टर’ में मौजूद कर्मियों के बचाया। एक और चेतक हेलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में शामिल किया गया है।’
एसएस-3 और सागर भूषण ऑयल रिग के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले, अधिकारी ने कहा कि बजरे में मौजूद 60 लोगों को रात 11 बजे तक और बाकियों को रातभर चले अभियान के दौरान बचाया गया। वहीं, नौसेना के एक हेलिकॉप्टर ने 3 लोगों को आज सुबह आईएनएस शिकरा पहुंचाया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और ऊना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। यह गुजरात तट से ‘अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान’ के रूप में गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ गया।
आईएमडी ने बताया कि अमरेली के पास सौराष्ट्र क्षेत्र में मंगलवार सुबह यह ‘काफी गंभीर चक्रवाती तूफान’ बना हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि तूफान के कमजोर पडऩे के बावजूद इससे भारी तबाही मची है। वहीं भावनगर, राजकोट, पाटण और वलसाड में एक-एक व्यक्ति की जान तूफान के दौरान हुए हादसों में गई। विभाग ने सुबह के बुलेटिन में बताया कि चक्रवाती तूफान के अमरेली से 10 किमी दक्षिण में और दीव से लगभग 95 किमी उत्तर-उत्तर-पूर्व में स्थित होने के कारण हवा की रफ्तार 150 से 175 किमी प्रति घंटे से कम हो गई और हवा 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी।
गुजरात के राजकोट, वलसाड और भावनगर जिले चक्रवती तूफान से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से हैं। महाराष्ट्र में चक्रवात के मुंबई के तट के करीब से गुजरने की वजह से शहर में पिछले 24 घंटे में 3 लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। वहीं पड़ोसी ठाणे और पालघर जिले में अलग-अलग घटनाओं में 5 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में चक्रवात के प्रभाव की वजह से सोमवार को ऊंची लहरें उठ रही थीं और चौपाटी, मरीन ड्राइव और गेटवे ऑफ इंडिया पर कई टन कचरा जमा हो गया। तूफान ने ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया को सुरक्षा देने वाली दीवारों और लोहे की छड़ों को नुकसान पहुंचाया और पास में लगे कुछ बैसाल्ट पत्थर भी तूफान के प्रभाव की वजह से उखड़ गए। रायगढ़ जिले में लगातार दूसरे साल प्रकृति का कहर देखने को मिला, जहां ‘तौकते’ के कारण हुई अलग-अलग घटनाओं में 4 लोगों की मौत हो गई और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। मुंबई से 100 किलोमीटर दूर स्थित तटीय जिले में पिछले साल भी चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ का कहर बरपा था।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने सोमवार को कहा था कि ‘पी305’ बजरा चक्रवाती तूफान की वजह से लंगर से खिसक गया था अनियंत्रित होकर समुद्र में बह गया था। सूत्रों के अनुसार, यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है। एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह समुद्री गश्ती विमान पी-81 को तैनात किया था।
गुजरात सरकार की सबसे बड़ी चिंता राज्य के करीब 1,400 अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के इलाज में व्यवधान न पडऩे को लेकर थी। इन केंद्रों में से 16 में चक्रवात के कारण बिजली की कटौती का सामना करना पड़ा। इनमें से 12 केंद्रों पर बिजली आपूर्ति बहाल कर ली गई, जबकि शेष 4 में जेनरेटरों से बिजली आपूर्ति हो रही है। चक्रवाती तूफान से भावनगर के ऑक्सीजन संयत्र में उत्पादन प्रभावित हुआ, लेकिन आपूर्ति जारी रही।
गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर राज्यों की स्थिति का जायजा लिया।