देश के दूरदराज इलाकों में परिचालन कर रही सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी बुनियादी ढांचा कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का कोविड टीकाकरण शुरू कर दिया है लेकिन टीकों की कमी के कारण उनका यह अभियान प्रभावित हो सकता है। बिजली क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने दिल्ली, नोएडा स्थित अपने कार्यालयों तथा छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश स्थित बिजली उत्पादन संयंत्रों में करीब 70,000 कर्मचारियों को टीका लगा दिया है। कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार कंपनी अपने कर्मचारियों के परिजन, अनुबंधित कर्मचारियों और संयुक्त उपक्रम तथा अनुषंगी कंपनियों के कर्मचारियों को भी टीका लगा रही है।
यह देश के सबसे बड़े टीकाकरण अभियानों में से एक है लेकिन टीकों की कमी के कारण इसमें रुकावट पैदा हो रही है। खासतौर पर दूरदराज इलाकों में ऐसा हो रहा है। बड़े शहरों में जहां एनटीपीसी ने टीकों के लिए अपोलो अस्पताल के साथ समझौता किया है, वहीं दूरदराज इलाकों में वह राज्य सरकार और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को वितरित किए जाने वाले टीकों पर निर्भर है। दूरदराज इलाकों में काम करने वाले सरकारी उपक्रमों को भी ऐसी ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के एक प्रवक्ता के अनुसार, ‘आज तक कोल इंडिया लिमिटेड ने 45 वर्ष और अधिक उम्र के करीब एक लाख फ्रंटलाइन कर्मियों का टीकाकरण किया है। इनमेंं कोयला खदानों में काम करने वाले, उनके आश्रित और अनुबंधित श्रमिक शामिल हैं। टीके उन संबंधित राज्य सरकारों से हासिल किए जा रहे हैं जहां कोयला कंपनियां संचालित हैं।’ हालांकि सीआईएल के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ ऐसे इलाकों मेंं जहां खदानें स्थित हैं वहां टीकों तक पहुंच बनाना और कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए प्रेरित करना दोनों ही चुनौतीपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें राज्य सरकारों के कोटे से टीके मिल रहे हैं। उन्हें पहले ही अपनी मांग से कम टीके मिल रहे हैं लेकिन हम आशा करते हैं कि आगे चलकर हमें और अधिक टीके आवंटित किए जाएं क्योंकि हम फ्रंटलाइन कर्मी हैं और खनन श्रमिक बहुत संवेदनशील हैं।’ देश में अब तक टीके की 180,457,579 खुराक लगाई जा चुकी हैं। यह देश में कुल संक्रमण के मामलोंं का 761.33 फीसदी और कुल आबादी का 12.97 फीसदी है। कई राज्यों ने टीकों की आपूर्ति में कमी को लेकर चिंता जताई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वह 16 से 31 मई के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीकों की1.92 करोड़ खुराक देगी। इसमें कोविशील्ड की 1.62 करोड़ और कोवैक्सीन की 29 लाख खुराक शामिल होंगी।
राष्ट्रीय विमानन सेवा एयर इंडिया ने 12 मई से टीकाकरण की योजना बनाई थी लेकिन टीकों की अनुपलब्धता के कारण इसे टाल दिया गया। उसने सप्ताहांत पर टीकाकरण शुरू किया और कंपनी को आशा है कि महीने के अंत तक सभी कर्मचारियों को टीका लगा दिया जाएगा।
अब कुछ सरकारी कंपनियां सरकार और निजी अस्पताल दोनों से टीकों के लिए समझौते कर रही हैं या फिर वे अपने दम पर टीके खरीदने की योजना बना रही हैं। इस्पात बनाने वाली एक बड़ी सरकारी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उनकी कंपनी 18 से 44 की उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए टीका विनिर्माताओं के साथ अनुबंध की योजना बना रही है। अभी इस योजना को मूर्त रूप लेना है और फिलहाल उसकी मांग केंद्र और राज्य सरकारों की आपूर्ति के जरिये पूरी हो रही है। कंपनी ने अब तक कोई समझौता नहीं किया है। अधिकारी ने कहा, ‘टीकों की आपूर्ति हो रही है लेकिन कई बार उसमें बाधा आती है और तब टीकाकरण की कवायद दोबारा शुरू करनी होती है। यह चलता रहता है।’ तेल क्षेत्र की अव्वल कंपनी ओएनजीसी ने कहा है कि उसने विभिन्न स्थानों पर अपने कार्यालयों में टीकाकरण करने के लिए ‘प्रतिष्ठित अस्पतालों’ के साथ अनुबंध किया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इन्हीं अस्पतालों के माध्यम से टीके जुटाए जा रहे हैं और उनका परिवहन तथा टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं अस्पतालों के साथ अनुबंध किया जा रहा है जिनके पास टीकाकरण के लिए जरूरी इन्वेंटरी है। प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी अब तक 39,000 कर्मचारियों का टीकाकरण कर चुकी है। इंडियन ऑयल देश भर में अपने 4.20 लाख अनुबंधित कर्मचारियों का टीकाकरण कर रही है। इसमें खुदरा आउटलेट पर काम करने वाले पंप सहायक, आपूर्ति से जुड़े लोग, टैंक-ट्रक कर्मी तथा उसके 32,000 कर्मचारी शामिल हैं। कंपनी ने कहा कि वह अपने विभिन्न कार्यालयों में निजी और सरकारी अस्पतालों के सहयोग से टीकाकरण शिविर आयोजित कर रही है।