उद्योग जगत ने शिकायत की है कि फील्ड अधिकारी सर्च ऑपरेशन के बाद कई मामलों में सीधे देयता की वसूली कर रहे हैं और इसके लिए कोई कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी नहीं किया जा रहा है।
हाल में जीएसटी की जांच शाखा ने प्रिंसिपल डायरेक्टर जनरल, प्रिंसिपल चीफ कमिश्नरों, चीफ कमिश्नरों से कहा था कि वे धोखाधड़ी और कर चोरी के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करें, जिससे समयबद्ध तरीके से इन मामलों को निपटाया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि फील्ड अधिकारी बगैर कारण बताओ नोटिस जारी किए भुगतान वसूल रहे हैं। मामलों को बंद करने के पहले समय से एससीएन जारी करने का निर्देश अहम है, जिससे कि खामियां जानी जा सकें और उन्हें दूर किया जा सके।
खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अभिषेक रस्तोगी ने कहा, ‘कई बार ऐसा हो रहा है कि एससीएन जारी नहीं किए जा रहे हैं, और करदाताओं से तलाशी व जांच के बाद भुगतान वसूल लिया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि डीआरसी03 चालान के तहत करदाता स्वेच्छा से राशि का भुगतान करते रहे हैं और खासकर एक फुटनोट में दिखा रहे हैं कि ‘विरोध स्वरूप’ कर का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि विरोध स्वरूप भुगतान किया गया कर किसी भी समय रिफंड का पात्र होता है।
