बीमा कंपनियां समूह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों का प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। बीमा कंपनियों के अनुसार कोविड-19 महामारी की तथाकथित दूसरी लहर के बाद बीमा पॉलिसियों के नवीकरण पर प्रीमियम बढ़ाया जा सकता है। पिछले वर्ष आए बीमा दावों के आंकड़ों के अनुसार समूह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों का प्रीमियम अब थोड़ा अधिक हो गया है।
जिन कंपनियो ने अप्रैल में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों का नवीकरण कराया था उनके लिए बीमा कंपनियों ने प्रीमियम नहीं बढ़ाया था। इसकी वजह यह थी कि पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी का असर अपेक्षाकृत कम रहा था और अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या भी कमतर थी। इससे कोविड महामारी के इलाज के लिए बीमा दावे भी कम किए गए थे।
बीमा कंपनियों का कहना है कि दूसरी लहर में सामान्य और कोविड से जुड़े दावे एक समान रहे हैं जबकि पहली लहर में ऐसी बात नहीं थी, इसलिए इसका असर अधिक होगा। निजी क्षेत्र की एक बीमा कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, ‘समूह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम और बीमाधारक द्वारा किए जाने वाले दावों में सीधा संबंध होता है। अगर दावों की संख्या बढ़ती है तो प्रीमियम भी उछल जाता है। दावे कम रहते हैं तो प्रीमियम स्वत: कम हो जाता है। जिन पॉलिसियों का नवीकरण 1 अप्रैल को हुआ था उनके प्रीमियम में बहुत इजाफा नहीं हुआ है क्योंकि तब तक दूसरी लहर का असर नहीं दिखा था। अगर किसी पॉलिसी का नवीकरण 1 सितंबर को होने वाला है तो संबंधित बीमा कंपनी कोविड महामारी के दूसरे लहर के असर को भी ध्यान में रखेगी।’
समूह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में एक ही संगठन में काम करने वाले लोग शामिल होते हैं। इसके प्रीमियम का भुगतान नियोक्ता करता है। इस बीमा पॉलिसी की जद में कर्मचारियों के परिवार के सदस्य भी आ सकते हैं। समूह पॉलिसियों का प्रीमियम बीमा कंपनियां अपने हिसाब से तय करती हैं। व्यक्तिगत बीमा पॉलिसियों में प्रीमियम का निर्धारण बीमा नियामक करता है।
