सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि कोरोनावायरस मामलों के संबंध में पूर्वानुमान के लिए विभिन्न गणितीय मॉडल नमूनों का आकार छोटा होने के कारण बार-बार विश्वसनीय परिणाम देने में विफल रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि नए स्वरूपों के सामने आने के मद्दनेजर वह विश्व स्तर पर वायरस के मामलों के उतार-चढ़ाव की बारीकी से निगरानी कर रही है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं का ‘सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ का नेटवर्क वायरस के बदलते स्वरूप का समय पर पता लगाने के लिए नमूनों के संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण का कार्य कर रहा है। मंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर ने स्पष्ट किया है कि उसने कोविड-19 की चौथी लहर की भविष्यवाणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान में गणित और सांख्यिकी विभाग के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया एक स्वतंत्र अध्ययन है जिसने एक गणितीय मॉडल तैयार किया है। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने विशेषज्ञ समिति के परामर्श से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग के लिए चार कोविड टीकों को मंजूरी दी है। इन टीकों में जायडस कैडिला का जायकोवडी, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, बायोलॉजिकल ई का कार्बीवैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट का कोवोवैक्स शामिल है।
