देश की राजनीतिक सूरत को बदलने के लिए युवा उद्योगपतियों ने मिलकर ‘फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ नाम के संगठन की शुरुआत की है।
इस संगठन में अभी तक देशभर के लगभग 5,000 युवा कारोबारी शामिल हो चुके हैं। कारोबारियों के अनुसार संगठन का मकसद युवाओं को राजनीति से जोड़ना है। इनका सबसे बड़ा मुद्दा मौजूदा कर अधिनियमों में संशोधन किया जाना है।
देशभर में घूम-घूमकर ये युवा कारोबारी मतदाताओं को वोट डालने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। युवा कारोबारियों के इस समूह का कहना है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए तीन लाख रुपये तक की आमदनी वाले व्यक्ति को आयकर से मुक्त कर देना चाहिए।
इसके अलावा देश में किसानों की खराब हालत को देखते हुए उन्हे सस्ती दर पर कर्ज दिया जाए जिससे कि वे खेती के साथ-साथ कुछ कारोबार भी कर सकें।
भारत की सबसे पुरानी फाइनैंशियल कंपनी दारशॉ के सीईओ वामन मेहता, इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम के संस्थापक और डाटा सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी नेटकोअर सॉल्यूशन के प्रबंध निदेशक राजेश जैन, मैनेजमेंट गुरू और बैकिंग क्षेत्र के जानकार अमित मालवीय, टाइम्स ऑफ इंडिया के लीड इंडिया अभियान के विजेता आर के मिश्रा और उच्चतम न्यायालय के वकील हितेश जैन सहित 300 युवा कारोबारियों द्वारा मिलकर बनाए गए इस संगठन में शामिल ज्यादातर लोगों ने अमेरिका और लंदन के विभिन्न संस्थानों से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की है।
‘फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ में शामिल हो रहे युवा से पूछने पर कि आखिर उन्होंने भाजपा का ही चुनाव क्यों किया? हितेश जैन कहते हैं कि भाजपा की अगुआई वाली राजग और कांग्रेस के गठजोड़ वाली संप्रग सरकार की समीक्षा करने पर उन्हें लगता है कि भाजपा बेतहर कर सकती है। सरकार, विकास, सुरक्षा और देश के हित से जुड़े मुद्दों पर निर्णय लेने की क्षमता में भाजपा, कांग्रेस से बेहतर नजर आती है।
जैन के अनुसार देश भर के युवा कारोबारियों को हम राजनीति में ध्यान देने की बात कहते हैं। जहां भी यह अभियान चलाया जा रहा है, वहां इसके सदस्य किसी भी सूरत में यह नहीं कहते हैं कि वोटर सिर्फ भाजपा को वोट दें, सदस्यों का मकसद तो केवल यह रहता है कि वे अपनी बात को ठीक तरीके से युवा कारोबारियों तक पहुचाएं, बाकी उनकी मर्जी।
उनके मुताबिक देश का हर युवा चाहता है कि देश का विकास हो, कई बड़ी विनिर्माण क्षेत्र की परियोजनाएं रुकी पड़ी है उन्हे चालू किया जाए जिससे लोगों को काम मिले और देश मंदी के भंवर में फंसने से बच सके। पढ़े-लिखे और युवा कारोबारियों का यह समूह एसएमएस, मेल और ब्लॉग के जरिये भी लोगों से संपर्क कर रहा है।
जैन के अनुसार अभी तक मुलाकात और बैठकों के जरिये 2,000, एसएमएस के माध्यम से 500 और इंटरनेट को माध्यम बनाकर 3,000 युवा कारोबारी उनसे जुड़ चुके हैं। जैन एक बात और साफ करते हैं कि जरूरी नहीं है कि भाजपा के हर मुद्दे से हम सहमत हों लेकिन आज माहौल यह है कि आप को ईंट और पत्थर में से किसी एक को तो चुनना ही है।
दोस्ती के हाथ से ‘हाथ’ को मात!
300 युवा कारोबारियों ने शुरू किया ‘फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’
अब तक 5,000 लोग जुड़ चुके हैं इस संगठन से
प्रबंधन की पढ़ाई कर चुके हैं ज्यादातर सदस्य
विकास के लिए भाजपा को बेहतर मानता है संगठन
