केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे नए श्रम नियमों के अनुसार कंपनियों को जल्द ही 40 साल से अधिक उम्र के अपने सभी कर्मचारियों की सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच करानी होगी।
श्रम मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित नियमों के मसौदे में कहा गया है, ‘कैलेंडर वर्ष शुरू होने के 90 दिन के अंदर 40 साल के सभी कर्मचारियों के लिए कंपनियों को सालाना नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करनी होगी।’
यह प्रस्तावित नियम पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य (ओएसएच) एवं कामकाज की स्थिति (केंद्रीय) नियम, 2020 का हिस्सा होगा और सभी कारखानों, खदानों और निर्माण फर्मों पर लागू होगा। इस नियम को जल्द ही प्रतिक्रिया और टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों द्वारा की जाएगी और जांच के बाद चिकित्सा प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा। इस कदम का मकसद कामगारों की उत्पादकता बढ़ाना है लेकिन इससे कंपनियों की लागत में इजाफा होगा।
केपीएमजी इंडिया में पार्टनर एवं वैश्विक मोबिलिटी सर्विस, कर के प्रमुख पीराजादा सिरवाला ने कहा, ‘मौजूदा श्रम कानून में इसे अनिवार्य नहीं किया गया है। हालांकि उद्योगों में चिकित्सा बीमा का चलन जरूर है। इससे कर्मचारियों को लाभ होगा और नियोक्ताओं को इसके लिए अलग से लागत वहन करना होगा।’
कारोबार सुगमता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने प्रस्तावित किया है कि कंपनियों से पंजीकरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन मिलने के सात दिनों के अंदर उसे पंजीकृत किया जाना चाहिए। ओएसएच नियमों के तहत किसी भी प्रतिष्ठान को बिना पंजीकरण प्रमाण पत्र के परिचालन की अनुमति नहीं होगी। हालांकि कंपनियों को अलग-अलग पंजीकरण के बजाय केवल एक बार ही पंजीकरण कराना होगा। नियमों के मसौदे में कहा गया है, ‘पंजीकरण करने वाले अधिकारी आवेदन मिलने के सात दिन के अंदर कंपनियों को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेंगे। ऐसा नहीं करने पर संबंधित प्रतिष्ठान को पंजीकृत माना जाएगा और पंजीकरण प्रमाण पत्र स्वत: निर्गत हो जाएगा।
‘अवेंटिस रेगटेक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी ऋषि अग्रवाल ने कहा, ‘पंजीकरण की इस प्रक्रिया से चीन सहित एशियाई देशों से प्रतिस्पद्र्घा करने की भारत की क्षमता में सुधार होगा। इसके साथ ही भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगा और देर से मंजूरी मिलने के कारण होने वाली पूंजी लागत में भी कमी आएगी।’अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में कारखाना शुरू करने में कारोबारी को चार से छह महीने का वक्त लगता है। लेकिन अब यह समय घटकर दो महीने रह सकता है। नया श्रम नियम 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी हो सकता है और कंपनियों को पंजीकरण के लिए श्रम सुविधा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पंजीकरण प्रमाण पत्र में प्रतिष्ठान में अधिकतम कितनी संख्या में श्रमिकों को नियुक्त किया जा सकता है और किस तरह का कारोबार किया जा सकता है, सबका उल्लेख होगा।परिचालन कर रहे फर्मों को पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि उन्हें अपने कर्मचारियों और कारोबार की प्रकृति के बारे में नए नियम लागू होने के 180 दिन के अंदर आवश्यक जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा नियोक्ताओं को प्रत्येक कर्मचारी को नियुक्ति पत्र जारी करना होगा। मौजूदा कर्मचारियों को नियम लागू होने के तीन महीने के अंदर नियुक्ति पत्र देना होगा। नियुक्ति पत्र का प्रारूप सरकार द्वारा सुझाया जाएगा, जिसमें वेतन, भत्ते, स्वास्थ्य जांच का विवरण, काम की प्रकृति, अवकाश के प्रावधान आदि का जिक्र होगा।इस तरह के दस्तावेज नहीं होने के कारण कर्मचारियों को अक्सर अपने रोजगार का साक्ष्य साबित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और कंपनियां सामाजिक सुरक्षा बाध्यताओं की अनदेखी करती हैं।
