स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कोविड के टीके की एक खुराक 96.6 प्रतिशत मौतों को रोकने में प्रभावी रहती है और दो खुराक 97.5 प्रतिशत मामलों में मृत्यु दर कम करने के लिए कारगर पाई गई हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा ‘ये टीके इस तरह काम करते हैं कि वे गंभीर बीमारी और मृत्यु से बचाते हैं। वे बीमारी को रोकने वाले नहीं हैं।’ विश्लेषण किए गए आंकड़े अप्रैल और अगस्त के बीच की अवधि के है और देश में वर्तमान में लगाए रहे विभिन्न कोविड टीकों के बीच फर्क नहीं दिखाया गया है।
संक्रमण के संबंध में और अधिक आंकड़ों के साथ-साथ यह जानकारी टीके पर नजर रखने वाले इंडिया कोविड -19 ट्रैकर पर उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है, जिसे जल्द ही स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर शुरू किया जाएगा। टीकाकरण के रुख को समझने के लिए यह ट्रैकर राष्ट्रीय कोविड -19 परीक्षण डेटाबेस कोविन तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 इंडिया पोर्टल के आंकड़ों को एक साथ जोड़ देता है। भार्गव ने कहा, ‘अब तक के आंकड़ों ने मृत्यु दर रोकने में सभी आयु वर्ग वाले समूहों में समान प्रभाव दिखाया है।’
हालांकि ये आंकड़े दूसरी खुराक के बाद प्रभावशीलता में केवल एक प्रतिशत का ही इजाफा दिखा रहे हैं, लेकिन सरकार ने लोगों से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की है कि वे टीके की दूसरी खुराक भी लें। भारत अपनी 58 प्रतिशत वयस्क आबादी का कोविड टीके की पहली खुराक के साथ टीकाकरण कर चुका है, जबकि लगभग 18 प्रतिशत आबादी का दोनों खुराक के साथ पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगामी त्योहारी सत्र से पहले सावधानी जताई है और लोगों से एहतियात बरतने तथा भीड़-भाड़ से बचने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा ‘हम अब भी दूसरी लहर में हैं।’
सितंबर में टीकाकरण की रफ्तार में तेजी आई है और अब तक प्रतिदिन औसतन 78 लाख खुराक दी जा रही है। भूषण ने कहा ‘पिछले नौ दिनों के दौरान दी गई खुराक की कुल संख्या छह करोड़ से अधिक रही, जो मई के पूरे महीने में दी गई कुल खुराक से अधिक थी।’ देश के 38 जिले अब भी प्रतिदिन 100 से अधिक मामले दर्ज कर रहे हैं। कुल सक्रिय मामलों में से लगभग 61 प्रतिशत मामले केरल में दर्ज किए जा रहे हैं। मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन जैसे टीकों, जिन्हें आपातकालीन इस्तेमाल का अधिकार प्रदान किया गया है, की उपलब्धता की समयसीमा के संबंध में राष्ट्रीय कोविड कार्य बल के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा ‘इस संबंध में ऐसे मसले हैं जिन पर हमें विनिर्माताओं के साथ समान सहमति तलाशनी है।’