कोविड-19 के ज्यादा संक्रामक स्वरूप एक्सई का पहला मामला मुंबई में सामने आया है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत के सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (इन्साकॉग) के जीनोम विशेषज्ञों के आकलन के मुताबिक इसका एक्सई स्वरूप के जीनोम से संबंध नहीं दिखता है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) 11वीं जीनोम सीक्वेंसिंग के परिणाम की घोषणा की है। इस जांच में सार्स-कोव-2 वायरस के एक्सई स्वरूप और कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ब्रिटेन में कोविड स्वरूप के म्यूटेशन एक्सई के पाए जाने की पुष्टि की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि बदलाव के बाद बना यह स्वरूप कोरोनावायरस के पहले के स्वरूपों की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। एक्सई स्वरूप ओमीक्रोन के बीए.1 और बीए.2 उप स्वरूपों में बदलाव के बाद बना है। करीब 50 साल उम्र की महिला में एक्सई स्वरूप की पुष्टि हुई है जिन्होंने दोनों टीके लगवा रखे हैं। हालांकि उनमें हल्के लक्षण हैं। कुछ रिपोर्ट का दावा है कि पहले जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई थी और आखिरकार 2 मार्च को शहर के एक प्रयोगशाला में की गई नियमित जांच में इसकी पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें शहर के एक होटल में क्वारंटीन किया गया था।
बीएमसी ने अब तक 230 नमूनों की जांच की थी जिनमें से 228 नमूने में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई जबकि एक कप्पा तथा एक एक्सई स्वरूप का था। ओमीक्रोन के चलते देश में संक्रमण की तीसरी लहर फैली थी।
साल की शुरुआत में एक्सई स्वरूप सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया और वहां अब तक 600 से अधिक एक्सई मामले हैं। हालांकि भारतीय विशेषज्ञ ओमीक्रोन के बदलाव से बने स्वरूपों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं दिखते हैं।
