केंद्र सरकार ने 2 दिसंबर को दूसरे चरण की वार्ता के लिए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह को आमंत्रित किया है, लेकिन किसानों के एक धड़े ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली कूच करने का फैसला किया है।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो किसानों का विरोध-प्रदर्शन लगातार चलता रहेगा। समिति के नेताओं ने कहा, ’26 नवंबर को दिल्ली चलो के साथ किसानों का बेमियादी संघर्ष जोर-शोर से शुरू हो गया है। हम आगे संघर्ष और तेज करेंगे।’ उनकी मुख्य मांगों में तीन केंद्रीय कृषि अधिनियमों को रद्द करना और विद्युत विधेयक 2020 को वापस लेना शामिल हैं। नेताओं ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से हजारों किसान परिवहन के विभिन्न साधनों के जरिये दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं।
