रेल मंत्रालय में नेतृत्व परिवर्तन ऐसे समय पर हुआ है जब रेलवे कम यात्री कमाई की समस्या से जूझ रहा है। इसके अलावा रेलवे निजी निवेश के लिए अपने दरवाजे खोलने और माल ढुलाई में वृद्घि करने का प्रयास कर रहा है।
पीयूष गोयल से रेल मंत्री का कार्यभार लेने वाले अश्विनी वैष्णव के लिए मालवहन गलियारों को पूरा करना, बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण के सौदे को अंजाम तक पहुंचाना और मुद्रीकरण की योजना में तेजी लाना विशेष ध्यान के कुछ प्रमुख क्षेत्र होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीयूष गोयल को यह मंत्रालय 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु से लेकर सौंपा था और प्रभु को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था।
रेल मंत्रालय अपनी मुद्रीकरण योजना के तहत 109 मार्गों को निजी परिचालकों को सौंपना चाहता है जिसके लिए अब तक ठेके जारी नहीं किए गए हैं। जीएमआर और लार्सन ऐंड टुब्रो उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने 35 वर्ष की ठेका अवधि के लिए ट्रेनों के परिचालन के लिए रुचि दिखाई है। रेल मंत्रालय सामान्य परिचालन की ओर बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल और मई महीने में उसने 25,035.49 करोड़ रुपये की सकल कमाई दर्ज की है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में उसकी कमाई 12,394.22 करोड़ रुपये रही थी।
अपने परिचालन अनुपात में सुधार लाने के लिए माल ढुलाई से राजस्व बढ़ाना उसका प्रमुख लक्ष्य होगा। रेल मंत्रालय ने सितंबर 2020 से जून 2021 तक रिकॉर्ड उच्च माल ढुलाई की बात कही है। इसके दम पर 2021-22 के अंत में रेलवे की कमाई में सुधार आने की काफी संभावना है और यह 2020-21 के स्तर पर पार कर सकता है।
लॉकडाउन लगाए गए महीनों के दौरान यात्री ट्रेनों के कम होने से रेलवे पटरी को खाली किया गया, जिससे माल गाडिय़ों की गति में तेजी आई। इसके अलावा समर्पित मालवहन गलियारों के कुछ खंड चालू हो जाने से भी माल में काफी इजाफा हुआ। रेलवे रेल मार्गों पर मालगाडिय़ों की आवाजाही में कमी लाने के लिए इन मालवहन गलियारों को पूरा करने पर जोर दे रहा है। इन्हें तैयार किए जाने के बाद ट्रेनों की गति बढऩे पर रेलवे की समग्र क्षमता में सुधार आने की उम्मीद है। लाभ के साथ लागत में भी इजाफा हुआ है। इन दो महीनों के दौरान सामान्य कार्य खर्च 2020-21 के 31,210 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 33,520.19 करोड़ रुपये हो गया।
पिछले वर्ष के मुकाबले डीजल की औसत खुदरा कीमत बढ़ चुकी है और रेलवे के लिए इसका मतलब परिचालन और अधिक खर्चीला होना है। रेलवे ने 2021-22 के बजट में डीजल खरीद के लिए 11,000.02 करोड़ रुपये निर्धारित किया था।
डीजल पर निर्भरता में कटौती करने और कम उत्सर्जन के लिए रेलवे गोयल के नेतृत्व में एक व्यापक विद्युतीकरण अभियान चला रहा है। रेलवे का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक रेलवे लाइनों का 100 फीसदी विद्युतीकरण का है। वैष्णव के लिए दूसरी चुनौती बहुचर्चित बुलेट ट्रेन परियोजना है जो भूमि अधिग्रहण को लेकर अटक गई है।
भूमि अधिग्रहण का मसला शिवसेना-कांग्रेस की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार और मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक तकरार के कारण जटिल हो गया है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच उच्च गति वाली बुलेट ट्रेन का परिचालन मोदी की सबसे पसंदीदा परियोजनाओं में से एक है। एक ओर जहां परियोजना में प्रगति हो रही है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में इसकी गति बहुत धीमी है।
प्रयोगकर्ताओं को सशक्त कर रहे नए आईटी नियम
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि नए आईटी नियम प्रयोगकर्ताओं को सशक्त कर रहे हैं और उन्हें संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए आईटी नियम देश में एक सुरक्षित और अधिक जिम्मेदार सोशल मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे। वैष्णव ने कहा, ‘अपने सहयोगी राजीव चंद्रशेखर जी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के क्रियान्वयन और अनुपालन की समीक्षा की। ये दिशानिर्देश प्रयोगकर्ताओं को सशक्त कर रहे हैं और साथ ही उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।’ भाषा