नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण और पुनरुद्धार करने की भारतीय रेल की 6,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना खटाई में पड़ सकती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ कंपनियों ने बोली लगाने की पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवालिया निशान लगा दिया है और वे इस मुद्दे को लेकर न्यायालय जाने की तैयारी में हैं। योग्यता चरण के आवेदन के दौरान विदेशी रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों सहित लगभग तेरह कंपनियों को तकनीकी तौर पर योग्य पाया गया था।
योग्यता शर्तों के मॉडल के मुताबिक, छह कंपनियों को उच्चतम स्कोर के आधार पर अंतिम वित्तीय बोली के चरण में भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हालांकि कुछ कंपनियां, जिन्हें अपने प्रारंभिक स्कोर के आधार पर अंतिम छह में स्थान नही मिल पाया है, वे इस बोली प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं।
एक बड़ी भारतीय कंपनी के साथ गठजोड़ कर इस प्रस्तावित परियोजना में बोली लगाने वाली एक विदेशी कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि हमारे पास रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का जो वैश्विक अनुभव प्राप्त है, उसके आधार पर कम से कम शीर्ष छह में तो जगह मिलनी ही चाहिए।
हालांकि रेलवे के द्वारा बनाई गई सूची में हमलोग प्रारंभिक तौर पर ही काफी नीचे आ गए। अब हमलोग रेलवे की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें हमलोग उम्मीद कर रहे हैं कि शीर्ष छह में जगह पा जाएं। अगर ऐसा नही होता है, तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे।
रेलवे ने कंपनियों के उत्साह को देखते हुए बोली लगाने वाली तेरह कंपनियों को बोली के अंतिम चरण के लिए नामित किया, जिसे वित्त मंत्रालय ने अस्वीकृत कर दिया था। रेलवे द्वारा इन कंपनियों को स्कोर देने की प्रक्रिया को भी एक माह हो गए हैं, लेकिन अभी तक रेलवे अंतिम सूची नही बना पाई है। अब रेलवे फिर से बोली दस्तावेजों का मूल्यांकन कर रही है, ताकि शीर्ष छह कंपनियों के नाम की घोषणा की जा सके।
एक दूसरी विदेशी कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि हर विदेशी कंपनियों के लिए यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है। हर कंपनी इसमें अपनी ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी लेने को इच्छुक हैं। इसलिए अगर इसे सही और पारदर्शी तरीके से लागू नही किया जाता है, तो कई सवाल तो जरूर उठाए जाएंगे।
जर्मनी की डायचे बान एजी, चीन की 18 रेलवे ग्रुप, इटली की ग्रांडी स्टेजियोनी एसपीए, रूस रेलवे, मेक्सिको की वाई सर्विसियस जैसी प्रमुख विदेशी कंपनियों ने किसी न किसी भारतीय कंपनी के साथ गठजोड़ कर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की आधुनिकीकरण परियोजना के लिए बोली लगाई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हासिल करने के लिए सभी पूरी कोशिश में लगे हैं।
6,000 करोड़ रु. की लागत से आधुनिकीकरण की योजना
कंपनियों ने बोली प्रक्रिया की पारदर्शिता पर लगाया सवालिया निशान
मामले को न्यायालय में ले जाने की कर रही हैं तैयारी
रेलवे फिर कर रही है बोली दस्तावेजों का मूल्यांकन