सरकार ने नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है और क्रिसिल से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी विभागों की संपत्तियों के मुद्रीकरण का खाका तैयार करने को कहा है। उधर निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने मंत्रालयों, सरकारी विभागों और सरकारी कंपनियों से उन संपत्तियों की सूची मांगी है, जिन्हें बेचकर धन जुटाया जा सकता है। इस सूची का इस्तेमाल एसेट मोनेटाइजेशन डैशबोर्ड तैयार करने के लिए किया जाएगा, जो इस तरह की संपत्तियों पर नजर रखेगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन तैयार करने की कवायद कुछ उसी तरह की होगी, जैसा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 111 लाख करोड़ रुपये निवेश करने के लिए सूची बनाई गई है।
क्रिसिल लिमिटेड की इकाई क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी को संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए पाइपलाइन तैयार करने का काम सौंपा गया है। रेटिंग एजेंसी की इकाई ने एनआईपी का भी खाका तैयार किया था, जिसके तहत 2024-25 तक विभिन्न बुनियादी ढांा परियोजनओं में निवेश करना था। सरकारी अधिकारी ने कहा कि पीएसयू की प्रमुख संपत्तियों की पहचान की जाएगी और पाइपलाइन के माध्यम से उनके मुद्रीकरण का खाका तैयार किया जाएगा। इस पाइपलाइन में मंत्रालयों व सरकार के विभागों की संपत्तियां भी रहने की उम्मीद है, जिनका मुद्रीकरण किया जा सकता है। क्रिसिल ने बिजनेस स्टैैंडर्ड की ओर से मांगी गई जानकारी देने से इनकार किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘चल रही सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संपत्तियों का मुद्रीकरण नई परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण विकल्प है। पुरानी बुनियादी ढांचा संपत्तियों की एक नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन शुरू की जाएगी। एक असेट मोनेटाइजेशन डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जो इसमें हो रही प्रगति पर नजर रखेगा और निवेशकों के लिए संभावनाएं प्रदान करेगा।’
अधिकारी ने कहा कि एक बार जब सरकारी विभाग, मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दीपम को संपत्तियों की सूची भेज देंगे, विनिवेश विभाग संपत्तियों का चयन करेगा, जिसे असेट मोनेटाइजेशन डैशबोर्ड पर डाला जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार ने तेल और गैस, बंदरगाहों, हवाईअड्डों, बिजली क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में 100 संपत्तियों को बेचने का लक्ष्य रखा है, जिससे 2.5 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को एक वेबिनॉर की अध्यक्षता भी करने वाली हैं, जिसमें सरकारी कंपनियों व विभागों की प्रमुख और गैर प्रमुख संपत्तियों की प्रस्तुति दीपम और नीति आयोग करेंगे। इसमें संपत्तियों के मुद्रीकरण के खाके पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके साथ ही इस तरह की संपत्तियों के मुद्रीकरण के कुछ मॉडलों पर भी चर्चा होगी।
केंद्रीय बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (पीजीसीआईएल) द्वारा प्रायोजित एक एक इनविट होंगे। सरकार डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की संपत्तियों का भी मुद्रीकरण करेगी और अगले चरण में हवाईअड्डों के परिचालन और रखरखाव को भी शामिल किया जाएगा। एनएचएआआई की परिचालन वाली टोल की सड़कें, पीजीसीआईएल की पारेषण संपत्तियां, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेसन और गेल इंडिया की तेल व गैस पाइपलाइन के साथ स्पोट्र्स स्टेडियम का मुद्रीकरण भी होना है। खेल मंत्रालय को स्पोट्स स्टेडियमों को चिह्नित करने व उनके मुद्रीकरण का काम सौंपा गया है।
