आयकर अपील के एक पैनल ने फल जूस की स्टार्टअप की तरफ से मॉरिशस स्थित कंपनियों और अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस को बड़े प्रीमियमों के बदले स्थानांतरित शेयर पर प्राधिकारियों द्वारा मांगे गए 123 करोड़ रुपये के कर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
यह मामला स्टार्टअप कंपनी रेकन बेवरेजेस से जुड़ा है जो रॉ प्रेसरी के ब्रांड के तहत फलों के जूस बेचती थी। कंपनी का नुकसान वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में दिनोंदिन बढ़कर 25.72 करोड़ रुपये से 48.01 करोड़ रुपये हो गया। उसने अन्यों के साथ उपर्युक्त को प्रत्येक 100 रुपये के अंकित मूल्य पर 2,401.41 रुपये से 2,786.26 रुपये के भारी प्रीमियम पर शेयर जारी किए।
इस संबंध में आकलन अधिकारी ने शेयर प्रीमियम पर लगने वाले कर की जांच की। आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत यदि कोई कंपनी जहां पर सार्वजनिक हित का मामला बहुत अधिक नहीं है, उचित बाजार मूल्य से अधिक प्रीमियम पर शेयरों की बिक्री करती है तो उसे कर का भुगतान करना पड़ता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि बाद के वर्षों में भी कंपनी को भारी नुकसान होता रहा और अंतत: महज 100 करोड़ रुपये में विनग्रीन्स फाम्र्स को कंपनी बेच दी गई।
कंपनी की तरफ से दिखाए गए नुकसान के एवज में आकलन अधिकारी ने 115.56 करोड़ रुपये का कर लगाया जो अब ब्याज सहित 123 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी पहले ही आयकर अपील आयुक्त स्तर पर मामला हार चुकी है।
इसके बाद उसने आयकर अपील अधिकरण (आईटीएटी) में अपील दाखित करते हुए कर की मांग को खारिज करने और इस बाबत आदेश जारी होने तक इस पर रोक लगाए जाने की मांग की।
आईटीएटी ने पूरे मामले की तह में न जाते हुए आदेश दिया दिया कि कर मांग पर रोक लगाए जाने का यह उपयुक्त मामला नहीं है।
