आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी और उनके अधिकारियों ने पंद्रहवें वित्त आयोग के साथ बैठक में शहरी स्थानीय निकायों को मिलने वाली रकम में चार गुने की बढ़ोतरी करने की मांग की है ताकि कोविड-19 महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सके।
आयोग के समक्ष दिए एक प्रस्तुति में मंत्रालय ने कहा, ‘नगरपालिकाओं को होने वाले अंतरण में कम से कम चार गुने (3.49 लाख करोड़ रुपये) का इजाफा किया जा सकता है या फिर इसे केंद्रीय करों का 9.4 फीसदी किया जा सकता है।’ यह प्रस्तुति मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने दिया।
पुरी और मिश्रा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित इस बैठक में 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह और आयोग के सदस्यों ने भाग लिया। आयोग 31 अक्टूबर तक 2021-22 से 2025-26 के लिए अपनी दूसरी रिपोर्ट सौंप सकता है।
2020-21 के लिए अपनी पहली रिपोर्ट में आयोग ने राज्यों को संपत्ति कर की आधार दरें अधिसूचित करने और उसके बाद अपनी जीएसडीपी की वृद्धि दर के साथ तालमेल में संपत्ति कर के संग्रह में लगातार सुधार लाने की सिफारिश की थी।
बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘इस मामले के राजकोषीय महत्त्व को देखते हुए और विशेष तौर पर कोविड-19 महामारी के मौजूदा परिदृश्य में आयोग के साथ इस पर गहनता से विचार विमर्श किया गया, ताकि राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों को एक प्रभावी संपत्ति कर प्रशासन देने में मदद की जा सके और अल्प मूल्यांकन, सूचना की कमी, अपूर्ण संपत्ति पंजीयक, नीति की कमी और अक्षम प्रशासन जैसी समस्याओं को दूर किया जा सके। उद्देश्यपूर्ण कर मूल्यांकन प्रणालियों के साथ उपयुक्त राजकोषीय भूकर के जरिये इसमें सुधार किया जाए।’
इसमें कहा गया है कि बैठक में जोर शहरी स्थानीय निकायों को प्रासंगिक आंकड़ों के संग्रह, मूल्यांकन या अनुमान, कर दरों को तय करने, कर संग्रह करने और इन सभी पहलुओं पर आवश्यक निगरानी रखने के लिए जिम्मेदार बनाने पर था।
