दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को प्रदूषित हवा से मुक्ति दिलाने के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्मॉग टावर की सोमवार को शुरुआत की। सरकार का दावा है कि यह देश का पहला स्मॉग टावर है। अमेरिकी तकनीक से बना यह स्मॉग टावर हवा में प्रदूषण की मात्रा को कम करेगा।
इसकी लागत करीब 20 करोड़ रूपये है।
स्मॉग टॉवर के उद्घाटन के अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण से लडऩे के लिए और हवा साफ करने के लिए आज देश का सबसे पहला स्मॉग टावर शुरू किया जा रहा है। यह अपने आप में एक नई तरह की तकनीक है। इस तकनीक को अमेरिका से आयात किया है। यह 24 मीटर ऊंचा टावर है। यह स्मॉग टॉवर ऊपर से आसपास के एक किलोमीटर के दायरे की हवा को खींचेगा और फिर उस हवा को साफ करेगा। इसके बाद इसमें नीचे जो पंखे लगे हैं, वे उस शुद्ध हवा को नीचे बाहर छोड़ेंगे। इसकी क्षमता लगभग एक हजार घन मीटर प्रति सेकंड है यानी यह स्मॉग टॉवर एक हजार घन मीटर हवा प्रति सेकंड साफ करके बाहर छोड़ेगा।
और भी लगेंगे स्मॉग टावर
केजरीवाल ने कहा कि चूंकि यह नई तरह की तकनीक है और इसको एक तरह से प्रायोगिक तौर पर देखा जा रहा है। हम लोग आने वाले समय में इसके ऊपर लगातार निगरानी रखेंगे। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बंबई के लोग इसकेडेटा का विश्लेषण करेंगे और यह बताएंगे कि यह स्मॉग टावर प्रदूषित हवा को साफ करने में कितना प्रभावी है। अगर यह प्रयोग काफी प्रभावी होता है, तो फिर इस तरह के कई अन्य स्मॉग टावर पूरे दिल्ली के अंदर लगाए जा सकते हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बारिश खत्म होते ही स्मॉग टावर को पूरी क्षमता के साथ चालू कर दिया जाएगा। उसके बाद आईआईटी बंबई और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ इसका विश्लेषण करेंगे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।