दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक पर विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि यह विधेयक किसी डेटा के दुरुपयोग की मंशा से नहीं, बल्कि कानून के हिसाब से जीने वाले लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करने एवं अपराधियों को दंडित करके कड़ा संदेश देने के लिए लाया गया है।
शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का मानना है कि ‘अपराध की जांच थर्ड डिग्री के आधार पर नहीं बल्कि तकनीक एवं सूचना के आधार पर हो, ऐसे में थर्ड डिग्री से निजात दिलाने के लिए यह विधेयक लाया गया है।’ लोकसभा में ‘दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022’ पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘यह विधेयक किसी भी डेटा के दुरुपयोग के लिए नहीं लाया गया है।
यह व्यवस्था स्थापित करने के लिए लाया गया है। समय के अनुकूल बदलाव का उपयोग दोषसिद्धि के लिए किया जाए, इसके लिए विधेयक लाया गया है।’
कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा मानवाधिकारों का विषय उठाये जाने जाने का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उनके भी मानवाधिकार हैं, जो अपराधियों से पीड़ित हैं, जिन बच्चियों से बलात्कार हुआ है, जिनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई कोई लूट लेता है, उनके भी मानवाधिकारों की चिंता पहले करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार है, जो कानून के हिसाब से जीने वाले लोगों के अधिकार की चिंता करती है। उन्होंने कहा कि ‘एक ही चश्मे से मानवाधिकारों के विषय को नहीं देखा जाए।’
शाह ने कहा, ‘ यह विधेयक कानून का पालन करने वाले देश के करोड़ों लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया गया है। इसका कोई दूसरा अर्थ निकालने का प्रयास नहीं किया जाए।’
